भारतीय थलसेना वायुसेना और नेवी में कर्नल और कप्तान रैंक की सेवानिवृत्ति आयुसीमा अलग-अलग है। अब सैन्य मामलों का विभाग इसे एक समान करने जा रहा है।
तीनों भारतीय सेनाओं में कर्नल रैंक के अधिकारीयों की रिटायरमेंट आयुसीमा अलग-अलग है। अब सैन्य मामलों का विभाग इसे एक करने की तैयारी में है। जिसका लाभ करीब 15 हजार अधिकारीयों को होगा। कोशिश यह रहेगी कि सैन्य अधिकारीयों की क्षमता का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके।
थलसेना में कर्नल रैंक के अधिकारी की रिटायरमेंट 54 साल में होती है। नेवी में कैप्टन का रैंक आर्मी के कर्नल के बराबर होता है। जबकि एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन रैंक थलसेना के कर्नल के बराबर है। लेकिन तीनों सेनाओं में इस रैंक के अधिकारीयों की सेवानिवृत्ति की आयुसीमा अलग-अलग है। नौसेना में कैप्टन को 56 साल में रिटायर किया जाता है। जबकि वायुसेना में ग्रुप कैप्टन की रिटारमेंट 54 साल में और अन्य की 57 साल में रिटायरमेंट होती है।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार कर्नल रैंक के अधिकारीयों को रिटायर होने के बाद भी कुछ समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर लिया जाता है। इस दौरान उनका वेतन पूरा दिया जाता है लेकिन इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं किया जाता है। ऐसे ही मुद्दों को देखते हुए तीनों सेनाओं के कर्नल रैंक के अधिकारीयों की रिटायरमेंट की उम्र एक समान की जाएगी। इस रैंक के अफसरों की रिटायरमेंट की उम्र को 58 साल किया जा सकता है।
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