Chandrayaan 3: क्या दोबारा सक्रिय होंगे प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर ? ISRO ने दिया ये अपडेट
अक्टूबर 6, 2023 | by
Mission Chandrayaan 3: ISRO ने चांद पर रात होने से पहले Pragyan Rover को 2 सितंबर और Vikram Lander को 4 सितंबर 2023 को स्लीप मोड़ में डाल दिया था। लेकिन चन्द्रमा पर दिन निकलने के बाद प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर नींद से नहीं जगे।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 23 अगस्त 2023 को चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान 3 को लैंड किया था। भारत का चंद्रयान 3 चांद के दक्षिण ध्रुव पर जाने वाला पहला सफल मिशन है। इस मिशन में प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर ने अंतरिक्ष में अहम भूमिका निभाई। 23 अगस्त को चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरने के बाद प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर ने कई महत्वपूर्ण खोजें की। प्रज्ञान और विक्रम चन्द्रमा पर अपना एक चंद्र दिवस यानि पृथ्वी के 14 दिन-रात के बराबर समय पूरा करने के बाद स्लीप मोड़ में चले गए थे। चन्द्रमा पर एक चंद्र दिवस पूरा होने के बाद 22 सितंबर को प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर के फिर जगने की उम्मीद थी। लेकिन चांद पर नई सुबह होने बाद भी प्रज्ञान और विक्रम लैंडर दोबारा सक्रिय नहीं हो पाए।
इसरो ने प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर के स्लीपिंग मोड़ में जाने के बाद कहा ,” रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। अब उसे स्लीप मोड़ में सेट कर दिया गया है। बैटरी पूरी तरह चार्ज है और 22 सितंबर को चांद पर दिन निकलने के बाद फिर से सक्रिय किया जाएगा। ” स्लीप मोड़ में सेट करने से पहले सौर पैनलों को इस दिशा में रखा गया था ताकि चांद पर दोबारा दिन निकलने के बाद सूरज का प्रकाश प्राप्त हो सके। हालांकि कई कोशिशों के बाद चांद पर दिन निकलने के बाद रोवर और लैंडर एक्टिव नहीं हुए।
इसरो की कोशिश जारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चीफ एस सोमनाथ ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से एक्टिव करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संपर्क नहीं हो पा रहा है।
इससे पहले इसरो ने कहा था कि अगर चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीपिंग मोड़ में जाने के बाद दोबारा नहीं जागे तो यह चांद पर भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेंगे।
हालांकि, इसरो ने अभी तक पूरी उम्मीद नहीं छोड़ी है लेकिन आंकड़ों के अनुसार, चंद्रयान 3 के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद बहुत कम है। प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को इस हिसाब से डिजाइन नहीं किया गया था कि उन्हें दोबारा पृथ्वी पर वापस लाया जा सके।
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