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रत्नलाल कटारिया की मंत्री पद से छुट्टी होने पर आप नेता योगेश्वर शर्मा का तंज:कहा-अब तो स्वयं भाजपा ने भी मान लिया कि कटारिया खोखली ब्यानबाजी के आलावा कुछ नहीं कर रहे थे

आम आदमी पार्टी ने बुधवार को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में अंबाला हल्के से सांसद एवं मंत्री रत्नलाल कटारिया की छुट्टी किये जाने को लेकर तंज किया है। पार्टी का कहना है कि अब तो स्वयं भाजपा ने भी मान लिया कि कटारिया खोखली ब्यानबाजी के आलावा कुछ नहीं कर रहे थे।

आम आदमी पार्टी ने बुधवार को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में अंबाला हल्के से सांसद एवं मंत्री रत्नलाल कटारिया की छुट्टी किये जाने को लेकर तंज किया है। पार्टी का कहना है कि अब तो स्वयं भाजपा ने भी मान लिया कि कटारिया खोखली ब्यानबाजी के आलावा कुछ नहीं कर रहे थे।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह ठीक ढंग से इलाके की समस्याओं को भी लोकसभा में उठा नहीं पाये थे। इलाके के युवाओं को रोजगार दिलवाना तो दूर वह हलके में कोई नया प्रोजैक्ट तक नहीं ला पाये। पार्टी का यह भी कहना है कि हरियाणा को कुछ बड़ा देने की बजाये उल्टा उससे एक मंत्री पद और छीनकर चुनावी राज्य को देने से यह बात सिद्ध हो गई है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिल्हाल हरियाणा से चुनाव तक कोई दिलचस्पी नहीं है, अन्यथा माना तो यह जा रहा था कि यदि कोई हटता भी है तो एक बड़ा पद यानि कि केबिनेट रैंक तो हरियाणा के हिस्से में आवश्य आएगा।

आज यहां जारी एक ब्यान में आप के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि अपने आलाकमान की चाटूकारिता कर कटारियां केंद्र में राज्यमंत्री तो बन गये थे,मगर न तो वह इलाके का कोई भला कर पाये और न ही अपने मिले मंत्रालय का। बस वह मंत्री बनने से पहले और मंत्री बनने के बाद भी लगातार एक ही काम करते रहे और वह सिर्फ और सिर्फ विपक्षी नेताओं पर अनाप शनाप ब्यानबाजी। शर्मा ने कहा कि हल्के के लोगों खासकर कालका हलके के लोगों को चुनाव के दौरान यह उम्मीद थी कि कटारिया मंत्री बनकर इलाके की जीवन रेखा कही जाने वाली एचएमटी फैक्टरी को बचाने के लिए केंद्र पर दबाब बनाकर उसके लिए कुछ न कुछ पैकेज ले लेंगे, मगर वह ऐसा कुछ न कर सके।

उन्होंने कहा कि इसकी दो ही वजह हो सकती हैं कि या तो उनकी सुनी ही नहीं गई या फिर उन्हें सुनानी ही नहीं आई। उन्होंने कहा कि अब केंद्र में हरियाणा का कोई ज्यादा प्रभाव भी नहीं है। क्योंकि एक तो उन सांसदों का अपने अपने हल्के में दबदबा है, दूसरे यूपी सहित दूसरे राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनावों में उनके बिरादरी  के मतदाताओं की नारजगी लेने की हिम्मत सरकार में नहीं है। ऐसे में हरियाणा के हिस्से में कुछ न आना बल्कि कट जाना चिंताजनक व अफसोसजनक है।

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