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Mahashivratri पर 101 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

Mahashivarat 101 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग

Mahashivarat 101: महाशिवरात्रि का पर्व भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा दिन है । इस दिन भगवान शिव के उपासक उनकी पूजा-अर्चना कर मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व 5 फरवरी 2026 और भी ज्यादा विशेष होने जा रहा है। शिवरात्रि का त्यौहार है और ज्योतिष विधाओं के मुताबिक किया है 101 साल बाद एक विशेष संयोग के साथ बनने जा रहा है।

Mahashivarat 2026 का शुभ मुहूर्त

अगले वर्ष निशीथ काल में महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त रात 12:06 से लेकर 12:54 तक रहेगा। पूजा की अवधि 48 मिनट तक रहेगी । पारण मुहूर्त 5 फरवरी 2026 को सुबह 6:36 से दोपहर 3:04 तक रहेगा।

Mahashivratri पर पूजा विधि

प्रातः काल में जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद मिट्टी के बर्तन में पानी या दूध भरकर उसके ऊपर बेलपत्र डालें । धतूरे के फूल डाले ,चावल आदि डालें और फिर इन्हें शिवलिंग पर चढ़ाएं । यदि आप शिवलिंग मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर आप पूजा कर सकते हैं । शिव पुराण का पाठ करें महामृत्युंजय मंत्र या पंचाक्षर मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करें ।

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महा शिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है । 15 फरवरी 2026 को गुरुवार के दिन त्रयोदशी और चतुर्दशी मिल रही हैं । इस दिन सिद्धि योग , घनिष्ठ नक्षत्र और शिव योग का संयोग बन रहा है । महाशिवरात्रि के पर्व पर ऐसी घटना 101 साल बाद होने जा रही है । हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था ।

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