इतना बड़ा फैसला लेने से पहले भाजपा ने मुझसे एक बार भी बात नहीं की । अगर मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं होता तो 4 साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे देता। मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखंड से मंत्री हरक सिंह रावत ने निष्कासित होने के बाद कहा।
उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त और बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है। रावत ने कहा कि वह बिना किसी शर्त के कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे।
हरक सिंह रावत
भारतीय जनता पार्टी से निष्कासन के बाद न्यूज़ एजेंसी एनआई से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा, हमाम में सब नंगे हैं । बीजेपी में मैं सब को ऊपर से नीचे तक जानता हूं। पिछले साल 5 साल से यह लोग कुछ नहीं कर पाए। रोजगार दिया नहीं । विकास किया नहीं । उल्टे महंगाई और बढ़ा दी है। तो इनको कुछ ना कुछ आरोप लगाकर तो निकालना ही था। जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं मारने चाहिए।
एएनआई से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि 2 दिन पहले सीएम पुष्कर धामी से मिले थे और चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की थी । लेकिन पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति रावत के लिए लैंसडौन विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। काफी वक्त से हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थी ।
बता दे हरक सिंह रावत को भारतीय जनता पार्टी ने रविवार के दिन 6 साल के लिए दल से निष्कासित कर दिया है। बीजेपी की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर रावत को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने कहा यह फैसला अनुशासनहीनता के चलते लिया गया है साथ में हरक सिंह रावत की प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।