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भोपाल: ड्राइवर जावेद ने अपने ऑटो रिक्शा को एंबुलेंस में किया तब्दील,कोरोना महामारी के दौर में मरीजों को मुफ्त ले जाता है अस्पताल

मध्य प्रदेश के भोपाल में ऑटो ड्राइवर जावेद ने अपने ऑटो रिक्शा को एंबुलेंस में तब्दील किया है । जावेद कोरोना महामारी के दौर मरीजों मुफ्त अस्पताल ले जाता है । ऐसे करने के लिए उसने अपनी पत्नी के गहने तक बेच डाले ।

मध्य प्रदेश के भोपाल में ऑटो ड्राइवर जावेद ने अपने ऑटो रिक्शा को एंबुलेंस में तब्दील किया है । जावेद कोरोना महामारी के दौर मरीजों मुफ्त अस्पताल ले जाता है । ऐसे करने के लिए उसने अपनी पत्नी के गहने तक बेच डाले ।

जो लोग कहते हैं कि आज के दौर में इंसानियत खत्म हो गई है । वो गलत हैं । हालांकि कुछ लोगों ने अपने राजनितिक स्वार्थ के लिए देश में आपसी भाईचारे को खत्म करने की कोशिश जरूर की है । लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत को तरजीह देते हैं । ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया है ।

ऑटो एंबुलेंस

मध्य प्रदेश के भोपाल में “जावेद” नाम के ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने मानवता की मिसाल पेश की है । आर्थिक रूप से गरीब लेकिन दिल से सबसे ज्यादा अमीर जावेद ने अपने उस ऑटो रिक्शा को मेडिकल एंबुलेंस में तब्दील कर लिया है, जिससे वह अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाता था । उन्होंने यह फैसला कोरोना महामारी के दौर में एंबुलेंस की कमी को देखते हुए लिया है । ये भी पढ़ें, भारत में पिछले 24 घंटे में COVID 19 संक्रमण के नए केस 323144 और 2771 मरीजों की मौत

जावेद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया ,” मैंने सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर देखा कि कैसे लोग एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों को अस्पताल ले जाते हैं । इसलिए मैंने यह करने का फैसला लिया है ।” ऑटो चालक जावेद मरीजों मुफ्त में अस्पताल ले जाता है । उसने अपने एंबुलेंस में जीवन रक्षक दवाइयां और ऑक्सीजन भी रखी हुई है ताकि आपातकालीन समय में मरीज को दी जा सकें । ये भी पढ़ें,साइकिल पर पत्नी की डेड बॉडी लेकर घूमता रहा वृद्ध ,कोरोना संक्रमण के डर से गांव वालों ने नही करने दिया अंतिम संस्कार

चालक जावेद ने आगे कहा ,” मैंने अपनी पत्नी के गहने बेचे और ऑक्सीजन रिफील सेंटर के सामने कतार में खड़े होकर ऑक्सीजन सिलेंडर लिया । मेरा संपर्क नंबर सोशल मीडिया पर है । अगर अंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है तो लोग मुझे फोन कॉल कर बुला सकते हैं । मैं पिछले 15-20 दिनों से यह काम कर रहा हूँ और 9 गंभीर मरीजों को अस्पताल ले जा चूका हूं ।”

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