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आखिरकार 54 साल बाद बरेली को मिल गया उसका गिरा हुआ झुमका

सुनील दत्त और साधना अभिनीत इस गाने के रिलीज होने के बाद बरेली का नाम लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया था और इस गाने में अभिनेत्री अपना झुमका ढूंढ रही थी। आखिरकार 54 साल बाद अब वह तलाश खत्म हो चुकी है। अब शहर को गिरा हुआ झुमका वापस मिल गया है।

बरेली में बना झुमका तिराहा

झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में

उठ गया बरेली का झुमका

उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है। इसके साथ ही इस तिराहे पर एक विशाल झुमका भी लगाया गया है। झुमके का लोकार्पण शनिवार के दिन केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया।

54 साल के इंतजार के बाद आखिरकार बरेली को उसका गिरा हुआ झुमका वापस मिल गया है। दरअसल 1 जनवरी 1966  को राज खोसला के निर्देशन में बनी फिल्म मेरा साया का गाना ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इस गाने को आपने ज़रूर सुना होगा।

सुनील दत्त और साधना अभिनीत इस गाने के रिलीज होने के बाद बरेली का नाम लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया था और इस गाने में अभिनेत्री अपना झुमका ढूंढ रही थी। आखिरकार 54 साल बाद अब वह तलाश खत्म हो चुकी है। अब शहर को गिरा हुआ झुमका वापस मिल गया है।

बरेली के नेशनल हाईवे 24 पर 0 पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है। जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है बरेली विकास प्राधिकरण और डॉक्टर केशव अग्रवाल के सहयोग से बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है। इस झुमके चौराहे का लोकार्पण केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया। दिल्ली जाने वाले लोगों को यह झुमका देखने को मिलेगा और झुमका देखकर लोग एक बार अपनी सेल्फी लेने को मजबूर हो जाएंगे।

बरेली शहर में झूमका लगाने की शुरुआत फिल्म मेरा साया के गाने ‘झुमका गिरा रे गाने की सिल्वर जुबली यानी 50 साल पूरे होने पर की गई थी। बरेली विकास प्राधिकरण की योजना थी कि यह फिल्म अभिनेत्री साधना के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। लेकिन झुमका लगाने के लिए इसमें लगने वाली लागत की वजह से यह उस समय नहीं हो पाया क्योंकि बीडीए यानी बरेली विकास प्राधिकरण के पास इतना पैसा नहीं था। जिसके बाद शहर के लोगों के सहयोग मांगा गया । इसके बाद इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के मालिक डॉ केशव अग्रवाल ने झुमका लगाने की जिम्मेदारी ली। डॉ अग्रवाल और बीडीए के सहयोग से आखिरकार झुमका लग ही गया।

आपको बता दें बरेली शहर अपने आप में बहुत सारे इतिहास को समेटे हुए हैं। जैन मंदिर, नाथ नगरी, बरेली का सूरमा, बरेली का मांझा, बरेली का फर्नीचर अहिक्षत्र का किला और जरी जरदोजी बरेली को पहचान दिलाने वाली चीजें हैं।

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