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गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पुलिस ने लगाई थी कीलें वहां बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लगाए फूल

केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों का देश भर के किसान पिछले 73 दिन से विरोध कर रहे हैं। कुछ शरारती तत्वों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कटीली तारे, नुकीली कीलें और बैरिकेड लगाकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर ऐसी किसी घटना को रोकने की पूरी तैयारी कर ली। हालांकि बाद में पुलिस ने नुकीली कीलें हटा दी है। उसी जगह पर किसान नेता राकेश टिकैत ने मिट्टी डालकर फूल के पौधे लगा दिए हैं।

3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कीलबंदी की थी। जिसके जवाब में वहां किसानों ने मिट्टी डालकर फूल लगाए हैं।

केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों का देश भर के किसान पिछले 73 दिन से विरोध कर रहे हैं। कुछ शरारती तत्वों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कटीली तारे, नुकीली कीलें और बैरिकेड लगाकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर ऐसी किसी घटना को रोकने की पूरी तैयारी कर ली। हालांकि बाद में पुलिस ने नुकीली कीलें हटा दी है। उसी जगह पर किसान नेता राकेश टिकैतp ने मिट्टी डालकर फूल के पौधे लगा दिए हैं।

मीडिया के सैकड़ों कैमरों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत पहले मिट्टी के डंपर और पावड़ा लेकर फूल लगाने के लिए पहुंचे। पहले कीलें लगाकर दिल्ली पुलिस ने सुर्खियां बटोरी अब फूल लगाकर राकेश टिकैत मीडिया की सुर्खियों में आ गए हैं।

बता दे कृषि कानूनों के विरोध और समर्थन में सरकार और किसान नेता अपनी-अपनी रणनीति के मुताबिक चल रहे हैं। एक तरफ सरकार जहां किसान आंदोलन की घेराबंदी करके इनको रोकना चाहती है। वही किसान नेता, किसानों को आराम देकर आंदोलन को और मजबूत करने की रणनीति बना रहे हैं। इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर दोपहर तक किसान चक्का जाम की रणनीति बनाते रहे। दोपहर बाद किसान नेता बलवीर सिंह और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच चली बैठक में के बाद जब राकेश टिकैत बाहर निकले तो उन्होंने उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और दिल्ली में चक्का जाम ना करने का ऐलान कर दिया।

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