इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर के साथ मिल कर अपनी बेटी शीना बोरा की गला घोंट कर हत्या की थी। इस वारदात को अंजाम आज से 12 साल पहले 24 अप्रैल 2012 में दिया गया था। हत्याकांड का खुलासा अगस्त 2015 में हुआ था।
शीना बोरा की हत्या उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और उनके ड्राइवर श्यामवर राय ने की थी। हत्याकांड को अंजाम 24 अप्रैल 2012 को दिया गया था। इस हत्याकांड का खुलासा एक साल बाद यानि 2015 में हुआ था। उस समय यह मामला काफी चर्चित रहा था।
सीबीआई ने अदालत में किया चौंकाने वाला खुलासा
अब सीबीआई ने शीना बोरा मर्डर मामले में अदालत में चौंकाने वाला खुलासा किया है। मुंबई सीबीआई ने अदालत को बताया कि शीना बोरा के अवशेष गायब हो गए हैं। अदालत में अवशेष गायब होने का खुलासा उस समय हुआ, जब अभियोजन पक्ष ने मामले की गवाह जेबा खान से पूछताछ की। जेबा खान इस मामले इस बात की पुष्टि करने वाली पहली इंसान थी कि हड्डियां और अवशेष किसी इंसान के हैं। हड्डियों और अवशेष को रायगढ़ पुलिस ने गागोडे-खुर्द गाँव के पास से बरामद किया था। इन हड्ड़ियों और अवशेष को इंद्राणी मुखर्जी ने शव को जलाने के बाद गागोडे-खुर्द के पास घने जंगल में फेंक दिया था।
गायब हुए शीना बोरा के अवशेष
7 मई को कोर्ट की सुनवाई के दौरान सीबीआई के सरकारी वकील सीजे नांदोड़े ने डॉ जेबा खान को पहचान के लिए बरामद अवशेषों को दिखाने की मांग की। लेकिन तलाशी के बाद भी शीना बोरा की हड्डियां और अवशेष नहीं मिले। गुरूवार के दिन मामले की अगली सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में स्वीकार किया कि हड्डियों और अवशेषों वाले दो पैकेट का पता नहीं चल पा रहा है। जेबा से पूछताछ जारी रहेगी।
शीना बोरा की हत्या
पूर्व मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति और उसके ड्राइवर के साथ मिलकर 24 अप्रैल 2012 की रात को कार में शीना बोरा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। सबूत मिटाने के लिए तीनों ने शीना बोरा के शव को एक सूटकेस में छिपाकर गागोडे खुर्द का रास्ता पकड़ा। वहां जाकर उन्होंने बैग में आग लगा दी और शव के अवशेषों को घने जंगल में फेंक दिया था। इसके एक महीने बाद स्थानीय पुलिस को जंगल में जली हुई लाश मिली थी। वारदात के एक साल बाद इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया।