भारत के राज्य केरल में 5 वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना को एक पत्र लिखा। छात्रा ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई में अदालत को प्रभावपूर्ण हस्तक्षेप और इस संक्रमण काल में जिंदगी बचाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है। त्रिशूर केंद्रीय विद्यालय की छात्रा लिविना जोसेफ ने अपने खत के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मुस्कुराती हुई फोटो और अन्य तस्वीरें भी खुद से ड्राइंग कर भेजी हैं।
छोटी क्लास की छात्रा ने अपने खत में लिखा कि कोरोनावायरस की वजह से दिल्ली और देश के अन्य इलाकों में हो रही मौतों से मैं काफी चिंतित थी। अखबार पढ़ने के बाद मुझे समझ आया कि माननीय अदालत ने कोविड-19 से लड़ने और इस दौरान आम लोगों की जिंदगी बचाने के लिए मजबूती से हस्तक्षेप किया है। मैं खुश हूं और इस बात को लेकर काफी गर्व महसूस कर रही हूं कि माननीय अदालत ने ऑक्सीजन की सप्लाई करने का निर्देश दिया। जिसमें कई जिंदगियां बच गई।
छात्रों ने आगे लिखा,” मैं समझती हूं कि अदालत ने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने और देश खासकर दिल्ली में हो रही मौतों के आंकड़ों के घटाने के लिए प्रभावकारी कदम उठाए हैं। इसके लिए मैं आपको शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। खास बात यह भी है कि छात्रा के खत पर देश के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है। सीजेआई एन वी रमना ने छात्रा को शुभकामनाएं दी और खत के साथ में एक काम करते हुए एक जज की जो फोटो भेजी थी उसके लिए भी छात्रा का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश ने लिखा कि मुझे आपका प्यारा पत्र मिला। जिसमें दिल को छू लेने वाली तस्वीरें भी थी । मैं इस बात से काफी प्रभावित हूं कि आप देश में हो रही घटनाओं को लेकर इतनी सजग रहती हैं। मुझे उम्मीद है कि आप एक सजग और जिम्मेदार नागरिक बनोगी। जो बेहतर राष्ट्र के निर्माण में सहयोग करेगी।
बता दें कि सोमवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन का ऐलान किया है। केरल के सीएम विनयन ने पीएम के इस घोषणा के बाद उनका शुक्रिया अदा भी किया। वहीँ,दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का क्रेडिट सुप्रीम कोर्ट को दिया है।