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Brahmos Missile के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को कोर्ट सुनाई उम्रकैद की सजा, ISI को भेजता था खुफिया जानकारी

जून 4, 2024 | by

Court sentenced life imprisonment to former Brahmos Missile engineer Nishant Aggarwal

नागपुर जिला अदालत ने ब्रह्मोस मिसाइल के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसे 2028 में मिलिट्री इंटेलिजेंस और ATS ने गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र के नागपुर की जिला अदालत ने शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और गोपनीय जानकारी लीक करने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत के आदेश के अनुसार उसे 14 साल की सश्रम सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने उस पर 3000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

जस्टिस एमवी देशपांडे ने सुनाया फैसला

सेशन कोर्ट के न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने अपने आदेश में कहा कि निशांत को आईटी की धारा 66(एफ) और गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत किए गए अपराध के लिए सीआरपीसी की धारा 235  के तहत दोषी करार दिया जाता है।

मिलिट्री इंटेलिजेंस और ATS ने किया था गिरफ्तार

निशांत अग्रवाल नागपुर स्थित कंपनी के मिसाइल केंद्र में तकनीकी अनुसंधान केंद्र में कार्यरत था। उसको वर्ष 2028 में मिलिट्री इंटेलिजेंस, महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता और यूपी एटीएस ने एक साझा अभियान के तहत गिरफ्तार किया था।

ISI को भेजता था खुफिया जानकारियां

ब्रह्मोस ऐरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा और शासकीय गोपनीयता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। निशांत अग्रवाल चार साल तक ब्रह्मोस मिसाइल केंद्र में तैनात रहा। उसपर पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त जानकारियां देने का आरोप है। उसे पिछले साल बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने जमानत दे दी थी।

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