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बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित पांच अन्य को उन्नाव रेप पीड़िता सड़क दुर्घटना मामले में दिल्ली कोर्ट ने किया बरी

दिसम्बर 21, 2021 | by

Delhi court acquits former BJP MLA Kuldeep Singh Sengar and five others in Unnao rape victim road accident case

दिल्ली कोर्ट ने सोमवार के दिन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पांच अन्य लोगों को वर्ष 2019 उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले में बरी कर दिया है।

एडिशनल मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने प्रथम दृष्टया में देखा कि कुलदीप सिंह सेंगर, ज्ञानेंद्र सिंह कोमल सिंह, अरुण सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। जिससे उन्हें बरी कर दिया गया है। कुलदीप सेंगर और अन्य पर भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (ii ) के साथ धारा 34 के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।

हालांकि कोर्ट ने अन्य सह आरोपियों आशीष कुमार पाल, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सुबूत पाते हुए उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं। उन पर इंडियन पेनल कोड की धारा 506 (ii ) के साथ 34 के तहत आरोप लगाया गया है ।

क्या है पूरा मामला

उन्नाव रेप पीड़िता और सड़क दुर्घटना मामले में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों के बीच एक कथित साजिश का मामला है। उन्नाव रेप पीड़िता, उसके वकील और दो रिश्तेदारों के साथ कार में सवार और ट्रक के बीच टक्कर हो गई थी। उसके दोनों रिश्तेदारों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यूपी पुलिस ने कुलदीप सेंगर और उसके साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।

CBI ने किया ख़ारिज

सीबीआई ने जांच में पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या, हत्या के प्रयास के लिए किसी मौजूदा अपराधिक साजिश की संभावना को खारिज कर दिया था। हालांकि पीड़िता के चाचा-शिकायतकर्ता ने जांच के बाद निष्कर्षों को चुनौती देते हुए एक विरोध याचिका दायर की। जिसमें लापरवाही से ड्राइविंग के कारण मौत और चोटों के मामले में सरलता से मामला दर्ज किया गया।

पुलिस पर लगाया गया

पुलिस पर आरोप लगाया गया कि दुर्घटना को आरोपी सेंगर के इशारे पर अंजाम दिया गया ताकि उसे अपने खिलाफ सुबूत देने से रोका जा सके। पीड़िता के चाचा ने यह भी आरोप लगाया कि दुर्घटना कार में सवार लोगों को मारने के लिए जानबूझकर किया गया कृत्य है। जो कि नंबर प्लेट के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ करने और उसे काले रंग से रंगने के प्रयासों से स्पष्ट होता है। ताकि असली अपराधी भाग सके। आरोपी कुलदीप सेंगर और उच्च अधिकारियों के सहयोग से सीबीआई के अधिकारियों ने इस तथ्य की अनदेखी की। घटना और दुर्घटना से संबंधित कई गवाहों को धमकाया गया और असफल निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए अलग-अलग बयान देने के लिए मजबूर किया गया। अन्य आरोपियों पर आरोप मंगलवार के दिन तय होंगे

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