
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिंजरा तोड़ अभियान की सदस्य नताशा नरवाल को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है । रविवार के दिन उनके पिता का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था । अदालत ने पिता के अंतिम संस्कार के लिए नताशा को जमानत दी है ।
Delhi उच्च न्यायालय ने साल 2020 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा कथित तौर पर हिस्सा लेने वाली नताशा नरवाल को जमानत दे दी है । अदालत ने जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल को उनके पिता के अंतिम संस्कार हिस्सा लेने के लिए जमानत दी है । नताशा के पिता महावीर नरवाल का कोरोनावायरस के कारण रविवार के दिन निधन हो गया था । कोर्ट ने नरवाल को जमानत देते समय ताकीद किया है कि वो सोशल मीडिया पर कोई टिपण्णी नहीं करेगी ।
न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल और ए जे भंभानी ने पिंजरा तोड़ एनजीओ की कार्यकर्ता नरवाल को पचास हजार रूपये के निजी मुचलके पर तीन सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी है । नताशा का भाई भी कोरोना संक्रमित और अदालत ने इसी आधार पर उन्हें जमानत दी है । वकील अदित एस पुजारी ने नताशा की तरफ से याचिका दाखिल की थी ।
हाई कोर्ट ने नताशा को बेल देते समय कहा कि पिता के अंतिम संस्कार के समय पीपीई किट पहने और वापस समर्पण करते समय आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाएं ।
बता दें, पिछले साल उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन बिल के समर्थकों और विरोध करने वालों के बीच फरवरी में भीषण हिंसा हुई थी। इस हिंसा में 55 के करीब लोग मरे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे । इसी मामले में नरवाल को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था ।