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दिल्ली पुलिस ने कहा-छात्रसंघ के लोगों ने फैलाई जेएनयू में हिंसा

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डॉक्टर जॉय तिर्की और एमएस रंधावा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेएनयू हिंसा के बारे में बड़ा खुलासा किया है। एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा के बारे में गलत सूचनाएं फैलाई जा रही थी,इस ब्रीफिंग का मकसद यही है की सही तथ्य सामने रखे जाएं।

5 जनवरी 2020 को हुई थी जेएनयू में हिंसा

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डॉक्टर जॉय तिर्की और एमएस रंधावा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेएनयू हिंसा के बारे में बड़ा खुलासा किया है। एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा के बारे में गलत सूचनाएं फैलाई जा रही थी,इस ब्रीफिंग का मकसद यही है की सही तथ्य सामने रखे जाएं।

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डॉक्टर जॉय तिर्की और एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा के बारे में गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद यही है की सही तथ्य सामने रखे जाएं। इस मामले की जांच जारी है।

मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने कहा, ” चार संगठन जोकि यूनिवर्सिटी में चल रहे विंटर सेशन के पंजीकरण के खिलाफ थे। उनके नाम अखिल भारतीय छात्र संघ,आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ,डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन और स्टूडेंट फ्रंट ऑफ़ इंडिया हैं। लेकिन काफी संख्या में छात्र पंजीकरण कराना चाह रहे थे। ये संगठन जो छात्र संघ का हिस्सा हैं पंजीकरण नहीं करने दे रहे थे। इनको डरा-धमका रहे थे। 3 जनवरी को इन संगठन के लोगों ने सर्वर से छेड़छाड़ की। सर्वर को जबरन बंद कर दिया गया। कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की थी। इसकी शिकायत जेएनयू प्रशासन ने की थी। बाद में सर्वर को ठीक किया गया।”

पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा,” 4 जनवरी को फिर कुछ लोग अंदर घुसे और सर्वर को पूरी तरह तहस-नहस किया। इसके बाद सारी प्रक्रिया रुक गई। इसके अगले दिन पंजीकरण करने वाले छात्रों के साथ मारपीट की गई। फिर अगले दिन पेरियार हॉस्टल में जाकर मारपीट की ,जिसमें छात्रसंघ के लोग शामिल थे। उसी समय कुछ व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए।”

डॉक्टर जॉय तिर्की और डीसीपी अपराध एमएस रंधावा ने कहा, ” जिन लोगों की पहचान की गई उनमें शामिल हैं- चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, ऐशे घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष चुनाव), वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल। जेएनयू हिंसा पर यूनियन मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा आज की पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने यह स्थापित किया कि पिछले 5 दिनों से जो सहगान एबीवीपी, भाजपा और अन्य लोगों को दोष देने के लिए जानबूझकर बनाया गया था, वह सच नहीं था। यह वामपंथी संगठन हैं जो पूर्व नियोजित हिंसा जो सीसीटीवी और नष्ट किए गए सर्वर

जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष को भी दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में संदिग्ध के रूप में नामित क्या है। जिसपर उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। मेरे पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि मुझ पर कैसे हमला किया गया।

जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा, ” हम यह भी चाहते हैं कि जांच की रिपोर्ट आए और अगर दोषियों को पहचाना जाता है तो हमें उम्मीद है कि उन्हें दंडित किया जाएगा।”

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