Delhi Riots 2020: दिल्ली हाई कोर्ट ने JNU के छात्र नेता उमर खालिद, शरजील इमाम और 7 अन्य की जमानत याचिका रद्द कर दी। मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक दंगों से जुड़ा है।
Delhi Riots 2020 Case
दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के जस्टिस नवीन चावला और शालिंदर कौर दिल्ली दंगों को लेकर फैसला सुनाया। कोर्ट ने कुल 18 आरोपियों में से 9 की जमानत पर फैसला सुनाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 आरोपियों की जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया है। जिनकी जमानत खारिज हुए है ,उनके नाम उमर खालिद शरजील इमाम, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरन हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद हैं।
उपरोक्त में से उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। जबकि शरजील इमाम की गिरफतारी अगस्त 2020 में हुई थी। अन्य आरोपी जनवरी से सितंबर 2020 में गिरफ्तार हुए।
दिल्ली दंगा सोची समझी साजिश थी: अभियोजन पक्ष
अभियोजन पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि दिल्ली दंगे सोची समझी साजिश थी,जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर बदनाम करना था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील में कहा की राष्ट्र के खिलाफ साजिश रचने वालों को दोषमुक्त होने तक जेल में रहना चाहिए। अदालत ने UAPA के तहत आरोपों को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया।
आरोपी पक्ष ने तर्क दिया कि किसी व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होना या भाषण देना कोई अपराध नहीं है। कोई ठोस सबूत जैसे पैसे की रिकवरी या हिंसा का आह्वान नहीं मिला है। अदालत आरोपी पक्ष के तर्कों से सहमत नहीं हुई और जमानत अस्वीकार कर दी। जुलाई में सुनवाई के दौरान बेंच ने पूछा था कि पांच साल हो गए हैं, आरोप पर बहस भी पूरी नहीं हुई है। 700 गवाहों के साथ व्यक्ति को कितने दिन तक जेल में रखा जा सकता है ? लेकिन अंततः जमानत नहीं दी।
Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगों का पूरा मामला
फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन बिल ( CAA ) NRC के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 55 के करीब लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इन दंगों में करोड़ों की संपत्ति का नुक्सान हुआ था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मार्च 2020 में FIR नंबर 59/2020 दर्ज की थी। जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा, पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट, आर्म्स एक्ट और UAPA के तहत आरोप लगाए थे। पुलिस का आरोप है कि ये दंगों के मास्टरमाइंड थे और हिंसा पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी। उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे लोगों पर भाषणों और सोशल मीडिया के माध्यम से हिंसा भड़काने के आरोप हैं। इस मामले से जुड़े 695 केसों में 109 पर फैसला आ चूका है।
इन लोगों को रिहा किया गया
दिल्ली दंगों क आरोपों में गिरफ्तार कई लोगों और एक्टिविस्ट को जमानत मिल चुकी है। जिन लोगों को रिहा किया जा चूका है, उनके नाम सफुरा जरगर, फैजान, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आशिफ इक़बाल तन्हा हैं। इशरत जहां और ताहिर हुसैन अभी भी हिरासत में हैं।