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Electoral Bonds: ADR ने SBI के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Electoral Bonds ADR: ADR ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Electoral Bonds ADR : Supreme Court ने SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी चुनाव आयोग को देने के लिए 6 मार्च तक का समय दिया था। निर्धारित समय सीमा तक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने यह जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी, जिसे निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करना था। भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले 44434 लोगों के नाम बताने के लिए उसे 30 जून तक को मोहलत चाहिए।

Electoral Bonds ADR:  SBI के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को 6 मार्च तक का समय दिया था। एसबीआई ने कोर्ट के आदेश के बाद बभी यह जानकारी अब तक निर्वाचन आयोग को नहीं दी है। बैंक ने अदालत से और समय मांगा है। अब एक बार फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच  गया है। एडीआर ने एसबीआई के खिलाफ अदालत की अवमानना की अर्जी दाखिल की है। एडीएआर की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह अदालत की अवमाना है। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले की सुनवाई 11 मार्च को हो सकती है।

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चुनावी बॉन्ड्स पर SC का ऐतिहासिक फैसला

बता दें, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने चुनावी बॉन्ड पर अपना ऐतिहासिक फैसला देते हुए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को आदेश दिया था कि अप्रैल 2019 से लेकर अब तक की पूरी जानकारी निर्वाचन आयोग को दे। अदालत ने यह भी कहा था कि जनता को किसी भी राजनीतिक दल के चंदे का विवरण जानने का हक है। यह आरटीआई के अधीन आता है। सर्वोच्च अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक को 6 मार्च का समय दिया था। भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पांच जजों वाली बेंच ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताया था। अब एसबीआई ने 30 जून तक की मोहलत मांगी है।

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