Gujarat Fake court: गुजरात के गांधीनगर में एक फर्जी कोर्ट का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी अदालत में स्टाफ वकील सब नकली थे। पिछले पांच साल से अदालत की तरह कार्यवाही चल रही थी।
गांधीनगर में फर्जी कोर्ट का भंडाफोड़
गुजरात के गांधीनगर के सेक्टर 24 में मॉरीस सैम्युल नाम के एक ठग ने फर्जी कोर्ट खोल रखा था। गांधीनगर पुलिस की रिपोर्ट की अनुसार, मॉरीस सैम्युल मध्यस्थ न्यायाधिकरण के जज के रूप में फैसले सुनाता था। वह अपने ग्राहकों से दावा करता था कि सरकारी अदालत ने उसे क़ानूनी विवादों का निपटारा करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया हुआ है।
Gujarat Fake court case
Gujarat के सिविल कोर्ट अहमदाबाद के रजिस्ट्रार हार्दिक देसाई द्वारा करंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद इस फर्जी अदालत ( Fake court) का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने आरोपी सैम्युल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 170 और 419 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दैनिक भाक्सर की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ठग ने Fake court खोलकर लगभग 100 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम कर ली थी। वह खुद की कागजात तैयार करता था और फर्जी कोर्ट में पेश करने के बाद फैसला अपने पक्ष में सुनाता था।
Gujarat Fake court में ऐमें ऐसे होती थी कार्यवाही
मॉरीस ने गांधीनगर असली कोर्ट जैसा माहौल बना रखा था। वह खुद जज बनता था और नकली स्टाफ और नकली वकील रखता था। इस तरह उसने 10 से अधिक मामलों के आदेश अपने पक्ष में किए। वह जमीनों की जानकारी जुटाने के लिए दुकानों पर ग्राहकों और पक्षकारों के बीच बातचीत भी करवाता था।
पुलिस के अनुसार, ठग मॉरीस ग्राहकों के सामने खुद को कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए मध्यस्थ की तरह पेश करता था।वह ग्राहकों को गांधीनगर स्थित दफ्तर में बुलाता था, जिसे उसने हूबहू सरकारी कोर्ट की तरह डिजाइन किया हुआ था। वह न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में आदेश पारित करता था।
उसका स्टाफ मुवक्किलों के सामने खुद को वकीलों और स्टाफ की तरह पेश करता था और अदालत की तरह कार्यवाही का ड्रामा किया जाता था।
Fake court का नकली जज गिरफ्तार
फ़िलहाल आरोपी मॉरीस सैम्युल पुलिस की हिरासत में है। पुलिस रिपोर्ट में बताया गया की आरोपी ठग के खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज हैं।