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इंडियन आर्मी में 83 महिला जवानों का पहला बैच हुआ शामिल

सीएमपी के सेंटर एंड स्कूल के कमांडेंट ब्रिगेडियर सी दयालन ने इन सभी महिला जवानों के राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य धार्मिकता और निस्वार्थ सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की है ।

सीएमपी के सेंटर एंड स्कूल के कमांडेंट ब्रिगेडियर सी दयालन ने इन सभी महिला जवानों के राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य धार्मिकता और निस्वार्थ सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की है ।

पहली बार भारतीय सेना ho में महिला सैनिक शामिल

इंडियन आर्मी को महिला सैनिकों का पहला बैच मिल गया है। भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शनिवार के दिन सैन्य पुलिस केंद्र स्कूल के द्रोणाचार्य परेड ग्राउंड में 83 महिला सैनिकों के पहले बैच को भारतीय सेना में शामिल किया गया है। इन महिला जवानों की पहली परेड आयोजित की गई है।

2017 लिया गया था फैसला

आपको बता दें, साल 2017 में यह फैसला लिया गया था कि महिलाओं को जवानों की तरह सिपाही और हवलदार के पद पर तैनात किया जाएगा। जिसके बाद इसके लिए दिसंबर 2019 में 101 महिलाओं का सिलेक्शन किया गया था।

कमांडेंट ब्रिगेडियर सी दयालन ने परेड की समीक्षा की

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शनिवार के दिन डिफेंस की एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि सीएमपी सेंटर एंड स्कूल के कमांडेंट ब्रिगेडियर सी दयालन ने परेड की समीक्षा करते हुए नई महिला सैनिकों को बधाई दी। कमांडेंट ने  बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग के से जुड़े पहलुओं पर 61 हफ्तों की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें शुभकामनाएं दी। ट्रेनिंग के दौरान पुलिस ड्यूटी और युद्ध में बंदी बनाए जाने वाले कैदियों के मैनेजमेंट करने ,सभी वाहनों और संचार साधनों को चलाने और उनके रखरखाव की जानकारी दी गई है। इस परेड में आई महिलाओं सैनिकों को देखकर हर कोई गर्व महसूस कर रहा है।

ब्रिगेडियर सी दयालन ने इन सभी महिला सैनिकों के राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, धार्मिकता निस्वार्थ सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की है। उन्होंने विश्वास जताया है कि महिला सैनिकों को दी गई ट्रेनिंग और प्राप्त मान ने उन्हें पुरुषों के साथ बराबरी पर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा है कि इन महिला सैनिकों को देश के अलग-अलग इलाकों में नई इकाई में अपने बल को साबित करने में मदद करेगी। महिला सैनिकों के इस पहले बैच की ट्रेनिंग 6 जनवरी 2020 को शुरू हुई थी।

महिला सैनिकों की ट्रेनिंग

इन महिला इन महिला सैनिकों की 61 हफ्तों तक ट्रेनिंग चली थी । पहले 19 सप्ताह तक बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई और उसके बाद प्रोवोस्ट और एडवांस मिलिट्री पुलिस की ट्रेनिंग दी गई।

अब भारत में भारतीय सेना में महिलाएं केवल सैन्य अधिकारी तौर पर नहीं बल्कि बतौर जवान अपने कर्तव्य का पालन करेंगी । यह पहली बार है कि महिलाओं को गैर अधिकारी कैटेगरी यानी एनसीओ रैंक में शामिल किया गया है।

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