यूपी के लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने वाली एसयूवी कार में सवार बीजेपी नेता सुमित जायसवाल सहित चार अन्य लोगों को सोमवार के दिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पीछे से गाड़ी चला कर कुचलने के मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भैया को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब इसी घटना में शामिल चार पांच आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है। इनमें से एक भारतीय जनता पार्टी का नेता सुमित जयसवाल भी शामिल है। जो घटना के वक्त पर कथित तौर पर कार में सवार था। सुमित जयसवाल भारतीय जनता पार्टी का स्थानीय नेता है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में किसानों को कार के नीचे कुचल कर भागने वाला सुमित जयसवाल ही था। सुमित जयसवाल ने उल्टे अज्ञात किसानों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके ड्राइवर सहित दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने यह आरोप किसानों पर लगाया था।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में हुई गिरफ्तारी
खीरी लखीमपुर में 4 किसानों और एक पत्रकार की इस घटना में मौत हो गई थी। जबकि तीन अन्य की मौत पीट-पीटकर कर देने का आरोप प्रदर्शनकारी किसानों पर लगा था। लखीमपुर खीरी में यह घटना 3 अक्टूबर को रविवार के दिन हुई थी। जिसके बाद पूरे देश में गुस्सा फूटा था। विपक्षी पार्टियों ने सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लिया था। सोमवार के दिन गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम सुमित जयसवाल, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य प्रकाश त्रिपाठी है। जिनको उत्तर प्रदेश पुलिस और क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया है।
एडीजी प्रशांत कुमार का ब्यान
पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा है कि सत्य प्रकाश त्रिपाठी के पास से एक लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूस भी बरामद हुए हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। किसानों को कुचलने वाली घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन इनमें से एक वीडियो में सुमित जायसवाल उस एसयूवी कार के अंदर से निकलकर भागता हुआ दिखाई दिया था जिस ने किसानों को कुचला था। वीडियो के आधार पर ही सुमित की पहचान हुई है। जबकि सुमित ने अपनी सफाई में कहा है कि किसानों द्वारा पत्थरबाजी करने के दौरान अचानक उनकी कार का संतुलन बिगड़ गया और वह उसकी चपेट में आ गए।
गौरतलब है कि किसानों को कुचलने वाली एस यू वी कार समेत तीन कारों का काफिला था। जो प्रदर्शनकारी किसानों को रौंदता हुआ निकल गया था। इस घटना में 4 किसानों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि उसके बाद हुई हिंसा में एक पत्रकार सहित तीन अन्य लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने केस में आशीष मिश्रा को हत्या आरोपी बनाया है। जिसके बाद 9 अक्टूबर को आशीष मिश्रा से 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
किसानों द्वारा एफआईआर के बाद हुई गिरफ्तारी
बता दे, सुमित जयसवाल और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी किसानों द्वारा यूपी के तिकोनिया पुलिस स्टेशन में एफ आई आर दर्ज करने के बाद हुई। जबकि सुमित जयसवाल ने भी काउंटर एफआईआर कराई थी। उसने पहले दावा किया था कि हम आयोजन स्थल की ओर जा रहे थे। उसी समय किसानों ने हम पर पत्थरबाजी की। सुमित ने कहा कि जब हम आयोजन स्थल पर जा रहे थे तब प्रदर्शनकारी किसानों ने हम पर पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया और हमें गालियां दे रहे थे। वह खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगा रहे थे। कुछ किसान कार पर चढ़ गए थे। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का भी यही कहना है कि वह घटनास्थल पर नहीं था। उन्होंने का दावा है कि इस घटना के समय वह 2 किलोमीटर अपने पैतृक गांव में था।