कानपूर के कल्याणपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के साथी दया शंकर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। दया शंकर ने कहा कि विकास दुबे को ऑपरेशन से पहले पुलिस स्टेशन से फोन आया था।
8 पुलिसकर्मी शहीद
कानपुर के बिकारु गांव में एक डीएसपी ,3 सब-इंस्पेक्टर और 4 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला विकास दुबे घटना के दो दिन बाद भी पुलिस की पहुंच से बाहर है। हालांकि कुख्यात अपराधी के एक साथी दया शंकर अग्निहोत्री को पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद कल्याणपुर में गिरफ्तार कर लिया है।
गैंगस्टर का साथी गिरफ्तार
दया शंकर अग्निहोत्री ने पुलिस के सामने कबूल किया कि विकास दुबे को पुलिस की कार्यवाही से पहले ही पुलिस स्टेशन से फोन पर ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई थी। जिसके बाद विकास दुबे ने करीब 25-30 लोगों को बुलाया। और घटना को अंजाम दिया।
उत्तर प्रदेश के कानपूर के बिकारु गांव में तीन पुलिस थानों ,शिवली ,चौबेपुर और शिवराजपुर पुलिस थानों की पुलिस फोर्स गुरुवार की आधी रात को बिकारु गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी। इस ऑपरेशन की अगुवाई DSP देवेंद्र मिश्रा कर रहे थे। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें : कानपूर: हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के साथ एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मी शहीद
पुलिस अभियान का संक्षिप्त ब्यौरा
बिकारु गांव में पहुंचकर पुलिस ने देखा कि विकास दुबे ने JCB मशीन से अपने घर की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद किया हुआ था। जेसीबी रास्ते में होने के कारण पुलिस गाड़ियों से उतरकर पैदल आगे बढ़ने लगी। पुलिस टीम कुछ ही दूर चल पाई थी, एक घर की छत से उनके ऊपर फायरिंग शुरू हो गई।
पुलिस ने दूसरे रास्ते से निकलकर अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन वहां भी उनपर दूसरी छत से गोलियां चलनी शुरू हो गई। ऐसा ही तीसरे रास्ते पर भी हुआ।
अब शातिर अपराधी विकास दुबे द्वारा इस तरह तैयारी करने से साफ जाहिर होता है कि उसको पुलिस के अभियान की काफी पहले जानकारी मिल चुकी थी। जिसकी वजह से उसे पुलिस के खिलाफ इतनी बड़ी योजना बनाने का समय मिला। उसने गांव के सभी रास्ते बंद किए। छतों पर अपने बदमाशों को हथियारों के साथ पूरी तैयारी के साथ बिठाया और खुद को सुरक्षित रखते हुए 8 पुलिस कर्मियों को शहीद किया।
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