Shubhanshu Shukla ISS: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 26 जून को अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष सेंटर में पहुंचकर इतिहास रच दिया।
वे ISS में पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। उनसे पहले 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष में पहुंचे थे। इस मिशन में शुक्ला ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने देशवसियों के लिए कई प्रेरणादायक संदेश भेजे हैं। नीचे उनके द्वारा किए गए कार्यों और कही गई बातों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
Shubhanshu Shukla ISS: शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद क्या क्या कहा ?
- उन्होंने अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद भारतवासियों को संबोधित करते हुए कहा,” नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है। जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, आप सब मेरे साथ हैं। “
- उन्होंने कहा,” यह एक छोटा कदम है लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक स्थिर और ठोस कदम है। अंतरिक्ष में चलकदमी करना और खाना पीना एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं। “
- शुक्ला ने कहा ,”मैं सिर्फ उपकरण और औजार नहीं ले जा रहा हूं बल्कि एक अरब दिलों की उम्मीदों को लेकर जा रहा हूं। मेरे जरिए आप इस यात्रा का पूरा आनंद लीजिए। “
शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष के अनुभव
शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla ISS) ने अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण के अनुभव को साझा करते हुए कहा,” लॉन्च के बाद जब मैंने नीचे धरती की तरफ देखा तो ऐसा लगा जैसे किसी चित्रकार ने नीला और हरा रंग मिलाकर एक कैनवास बनाया हो। मइक्रोग्रैविटी में तैरना मजेदार है लेकिन शुरुआत में थोड़ा अजीब लगा। ”
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से प्रभावित
शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla ISS) ने अपने आदर्श राकेश शर्मा का जिक्र करते हुए कहा,” मैं राकेश शर्मा से काफी प्रभावित हूं। सिलेबस में उनके बारे में पढ़कर बड़ा हुआ हूं। वह मेरे लिए आदर्श हैं।
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में क्या क्या काम किए ?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 14 दिन के Axiom-4 मिशन के दौरान अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर कई वैज्ञानिक और सांस्कृतिक गतिविधियां की। उनके प्रमुख कार्य निम्नलिखित प्रकार हैं।
- वैज्ञानिक प्रयोग : शुभांशु शुक्ला ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और अन्य भारतीय संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए सात वैज्ञानिक प्रयोग किए हैं। ये प्रयोग शून्य गुरुत्वाकर्षण में जैविक,कृषि और मानव अनुकूलन से संबंधित हैं। जिसमें मांसपेशियों की कमजोरी का प्रयोग, कृषि प्रयोग,जैविक नमूनों का अध्ययन शामिल हैं।
- नासा के साथ मिलकर पांच प्रयोग : शुक्ला ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के साथ मिलकर पांच प्रयोग किए हैं। जो लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा एकत्रित करने पर केंद्रित थे। ये प्रयोग भारत के गगणयान मिशन की तैयारी में काफी सहायक होंगे।
डॉकिंग प्रक्रिया में शुभांशु शुक्ला की भूमिका
शुभांशु शुक्ला स्पेस मिशन के पायलट हैं। उन्होंने स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान को ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह जटिल प्रक्रिया 26 जून को शाम 04:03 बजे शुरू हुई और 04:30 बजे पूरी हुई।
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