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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले प्रोफेसर शहरयार अली की अग्रिम जमानत को हाईकोर्ट ने खारिज किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने वाले प्रोफेसर डॉक्टर शहरयार अली की अग्रिम जमानत याचिका को मंगलवार के दिन खारिज कर दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने वाले प्रोफेसर डॉक्टर शहरयार अली की अग्रिम जमानत याचिका को मंगलवार के दिन खारिज कर दिया है।

समृति ईरानी के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने वाले प्रोफेसर डॉक्टर शहरयार अली की अग्रिम जमानत मंगलवार के दिन खारिज कर दी गई है। न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने प्रोफेसर शहरयार अली की ओर से दायर की गई अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। प्रोफेसर अली एक डिग्री कॉलेज में इतिहास विभाग के अध्यक्ष है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा,” यह ऐसा कोई तथ्य दिखाने को नहीं है कि जिससे पता चलता है कि याचिकाकर्ता का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और वास्तव में उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर माफी मांगी। जिससे पता चलता है कि वह अकाउंट अब भी उसके द्वारा ही चलाया जा रहा है।”

हाईकोर्ट ने कहा,” इस बात का भी अंदेशा है कि इस पोस्ट को सह आरोपी को हुमा नकवी द्वारा साझा किया गया हो ।पोस्ट का कंटेंट वास्तव में ऐसा है जिससे विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा हो सकता है।”

न्यायालय ने कहा,” याचिकाकर्ता आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत की मांग करने का पात्र है। जिस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा। इस परिस्थिति में अदालत अग्रिम जमानत देने का सही मामला नहीं मानती है। इस प्रकार से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज की जाती है।”

वही याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि उसके मुवक्किल को इस मामले में शिकायतकर्ता के इशारे पर झूठा फंसाया जा रहा है। शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी का जिला मंत्री है। स्मृति ईरानी के संबंध में आपत्तिजनक पोस्ट उसके मुवक्किल की फेसबुक आईडी हैक कर डाली गई है।

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