HMT watch कंपनी की स्थापना 1953 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना था। एचएमटी की शुरुआत टूल निर्माण के रूप में हुई थी, बाद में इसने घड़ियां बनाना शुरू किया था।
हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड की स्थापना 1953 में भारत सरकार द्वारा एक मशीन टूल निर्माण के रूप में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भरता को प्रोहत्साहन देना था। घड़ी निर्माण की यूनिट की शुरुआत 1961 में जापान की सिटीजन वाच कंपनी के सहयोग से हुई थी।
कंपनी ने अपनी सबसे पहली ‘हैंड वाउन्ड’ घड़ी ‘जनता’ का निर्माण शुरू किया था। ‘जनता’ घड़ी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा लॉन्च की गई थी। HMT ने जल्द ही ‘टाइमकीपर टू द नेशन’के स्लोगन के साथ भारतीय बाजार में अपनी मजबूत पहचान बनाई। 1960-80 के दशक में कंपनी देश की सबसे अग्रणी घड़ी निर्माता कंपनी बन गई। उस समय एचएमटी की एक घड़ी पाने के लिए लोगों को एडवांस बुकिंग करनी पड़ती थी। हालांकि बाद में यह बाजार में उपलब्ध हो गई।
HMT घड़ी डिवीजन का पतन कई कारकों का परिणाम है। पतन के कारणों में प्रबंधन में कमियां, बाजार में बदलती मांगों के साथ तालमेल न बिठा पाना और सरकारी नीतियों की असफलता प्रमुख कारण हैं।
1970 में एचएमटी ने क्वार्ट्ज घड़ियां पेश की। लेकिन ज्यादा रेट के कारण जनता में लोकप्रिय नहीं हो पाईं। इसी दशक में बाजार में अन्य डिजिटल और क्वार्ट्ज घड़ियां बनाने वाली कंपनियां आ गई थी। दूसरी तरफ एचएमटी ने महंगी क्वार्ट्ज घड़ियां बनाने की जगह मैकेनिकल घड़ियां बनाना शुरू कर दिया और यहीं से एचएमटी के पतन की शुरुआत होने लगी।
1987 में टाटा ग्रुप ने टाइटन घड़ियों के साथ बाजार में शुरुआत की। टाइटन घड़ियां आधुनिक डिजाइन की थी और एचएमटी पुराने डिजाइन की थी।
एचएमटी एक पुब्लिक सेक्टर की कंपनी थी। जिसके कारण निर्णय लेने में धीमापन और नौकरशाही में बाधाएं थी। कंपनी में लागत नियंत्रण और तकनीकी उन्नयन की कमी थी।
एचएमटी के पास दो प्रमुख उत्पादन इकाइयां थी। जो मैकेनिकल घड़ियों की मांग पूरा करने में अपर्याप्त थीं। सरकार ने 2006 में कंपनी के पुनर्गठन की योजनाएं बनाई लेकिन इन्हे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया। 2012 तक नौबत यहां तक आ गई कि कंपनी का घाटा 242 करोड़ था जबकि आये केवल 11 करोड़ थी।
भारत सरकार ने 2016 में HMT वॉचेज लिमिटेड, HMT चिनार वॉचेज, HMT बेयरिंग्स और एचएमटी ट्रैक्टर्स को बंद करने का निर्णय लिया। यह फैसला CCEA द्वारा 6 जनवरी 2016 को लिया गया। कर्मचारियों को VRS लेने की पेशकश की गई। कंपनी की अचल संपत्तियों को सरकार को हस्तांतरण करने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, HMT वॉचेज डिवीजन आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। एचएमटी लिमिटेड की सहायक इकाई सीमित संख्या घड़ियां अब भी बेंगलुरु के शोरूम में बेचीं जा रही हैं। 2023 में एचएमटी ने ‘वर्चास’ नाम की एक घड़ी लॉन्च की थी। जो घड़ी के शौकीनों में काफी लोकप्रिय हुई।
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