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हत्या या हादसा? कैसे गई थी बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की जान,जानें

Gopinath Munde: बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे का निधन 3 जून 2014 को हुआ था। हादसा उस समय हुआ था जब मुंडे अपने सरकारी आवास से एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे।

बीजेपी नेता Gopinath Munde की हत्या हुई थी या सड़क हादसे में गई थी जान

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की 3 जून 2014 को नई दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यह दुर्घटना उस समय हुई जब वे अपने सरकारी आवास से दिल्ली हवाई अड्डे जा रहे थे।

उनकी मौत को लेकर कई सवाल उठे और कुछ लोगों ने इसे हत्या की साजिश भी माना। नीचे घटना और हत्या के दावों का विस्तृत विवरण दिया गया है।

गोपीनाथ मुंडे का निधन

जून 2014 को सुबह करीब 6:20 बजे गोपीनाथ मुंडे की मारुति एसएक्स-4 कार नई दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर पृथ्वीराज रोड और तुगलक रोड के चौराहे पर एक इंडिका कार से टकरा गई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंडिका कार का चालक गुरविंदर सिंह तेज गति से गाड़ी चला रहा था।  उसने मुंडे की कार को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद मुंडे की तबीयत बिगड़ने लगी थी। उनके ड्राइवर ने तुरंत उन्हें एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

डॉक्टरों के अनुसार, मुंडे को अस्पताल में लाए जाने से पहले ही उनकी नब्ज, सांस और हृदय गति रुक चुकी थी। एम्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत अंदरूनी चोटों, खास तौर पर लीवर फटने और दिल के दौरे की वजह से हुई। अंदरूनी रक्तस्राव की वजह से उनकी सांसें रुक गईं थीं।

डॉक्टरों ने सुबह 7:20 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। ऐसा माना जाता है कि दुर्घटना के तुरंत बाद या अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी।

ड्राइवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

इंडिका कार के ड्राइवर गुरविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में उसे जमानत मिल गई। दिल्ली की एक अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 8 अप्रैल की तारीख तय की थी। सीबीआई ने भी जांच में साजिश की संभावना से इनकार कर दिया था।

किसकी गलती के कारण हुआ एक्सीडेंट

दिल्ली पुलिस ने शुरू में इंडिका कार के चालक को दोषी ठहराया था, लेकिन बाद में सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना मुंडे के चालक की गलती के कारण हुई। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) की 2018 की रिपोर्ट में कहा गया था कि सड़क किनारे पेड़ों की शाखाएं यातायात संकेतों की दृश्यता में बाधा डालती हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।

संदेह के कारण

दोनों वाहनों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि हादसा इतना गंभीर था कि किसी की जान चली जाए। मुंडे (Gopinath Munde) के अलावा कार में सवार किसी अन्य व्यक्ति को कोई गंभीर चोट नहीं आई। गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद से कुछ लोग इसे सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या मान रहे हैं।

EVM हैकर सैयद शुजा का दावा

2019 में भारतीय मूल के कथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा ने लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि गोपीनाथ मुंडे को 2014 के लोकसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों  की हैकिंग की जानकारी थी।  इसी वजह से उनकी हत्या की गई थी।

शुजा ने कहा कि भाजपा ने 2014 के चुनावों में कम आवृत्ति वाले सिग्नलों और ग्रेफाइट आधारित ट्रांसमीटरों की मदद से ईवीएम को हैक किया था और मुंडे को इस साजिश के बारे में पता था।

हालाँकि, शुजा ने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया।  जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

गोपीनाथ मुंडे के भतीजे का ब्यान

शुजा के दावों के बाद गोपीनाथ मुंडे के भतीजे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता धनंजय मुंडे ने मामले की रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) या सुप्रीम कोर्ट के जजों से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि मुंडे की मौत दुर्घटना थी या साजिश।

2020 में वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े ने एक टीवी चर्चा में दावा किया कि मुंडे की मौत दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या थी, जिससे विवाद और बढ़ गया।

सीबीआई जांच की मांग

मुंडे की मौत के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद घोषणा की कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी।

सीबीआई ने जांच की और किसी भी साजिश की संभावना से इनकार किया। जांच में इस दुर्घटना को सड़क दुर्घटना माना गया, जिसमें किसी बाहरी साजिश का सबूत नहीं मिला।

नोट: हत्या के दावे संवेदनशील होते हैं और इसके लिए ठोस सबूतों की ज़रूरत होती है। अब तक उपलब्ध जानकारी के आधार पर, यह एक सड़क दुर्घटना प्रतीत होती है, लेकिन कुछ लोगों के मन में अभी भी संदेह और अनसुलझे सवाल हैं।

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