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IAS अधिकारी गोपीनाथ ने केंद्र सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

आईएएस अधिकारी गोपीनाथ कन्नन ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। गोपीनाथ नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसीी एन आर पी के बारे में संवाद करने के लिए कई जगह पर गए थे।

आईएएस अधिकारी गोपीनाथ कन्नन ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। गोपीनाथ नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसीी एन आर पी के बारे में संवाद करने के लिए कई जगह पर गए थे।

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफ़ा देने वाले गोपीनाथ ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने उसका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार उन्हें बर्खास्त करना चाहती है। गोपीनाथ ने कहा कि सरकार का यह व्यवहार बचकाना है।

आईएएस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था इस बात का खुलासा उन्होंने बुधवार के दिन इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए किया।

गोपीनाथ ने कहा,” कृषि मंत्री अमित शाह चाहते थे कि लोग इस क्रोनोलॉजी को समझें, लोग समझ गए हैं, अब सरकार कह रही है क्रोनोलॉजी के बारे में भूल जाओ, लोग खतरे को समझ गए हैं।”

उन्होंने आगे कहा अमित शाह चाहते हैं कि लोग भयभीत हो, लेकिन लोग अब सब समझ चुके हैं। सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी में क्यों भेदभाव किया गया है। सरकार को जवाब देना होगा, मैं केवल न्यायालय में बल्कि जनता को बताना चाहिए। “

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