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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान में छिपा अमेरिकी परमाणु भंडार उड़ाया,जानें सच्चाई

US Nuclear Stockpile: भारत ने पाकिस्तान में US का परमाणु भंडार उड़ाया

US Nuclear Stockpile: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने किराना हिल्स में पाकिस्तान का नहीं बल्कि अमेरिका का छुपा हुआ परमाणु भंडार उड़ाया था। ये न्यूक्लियर हथियार अमेरिका ने वहां रूस को टारगेट करने के लिए रखे हुए थे। इसी वजह से अमेरिका भारत से नाराज है। ( इस तरह की कई पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। )

ऑपरेशन सिंदूर क्यों किया गया

मई 2025 में भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गया था। यह कार्रवाई 22 जुलाई को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले के जवाब में की गई थी। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस हमले का  पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया गया था। भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर प्रतिशोधी हमले किए। जिसमें भारतीय सेनाओं ने ब्रह्मोस मिसाइल और अन्य सटीक हथियारों का उपयोग किया था।

US Nuclear Stockpile: भारत का पाकिस्तान पर टारगेट

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान 11 प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया था। जिसमें नूर खान एयरबेस, मुसाफ (सरगोधा के पास), रफ़ीकी, मुरीदके, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पासरूर और सियालकोट शामिल थे। भारत के इन हमलों ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया था। हमले के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की। (जिसका क्रेडिट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेते घूम रहे हैं। ) 10 मई 2025 को संघर्ष रुक गया। भारत ने दावा किया कि यह एक पारंपरिक सैन्य कार्रवाई थी न कि सीधा परमाणु ठिकानों पर हमला।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर भारत-पाकिस्तान की एक छोटी लेकिन तीव्र घटना थी। जो सोशल मीडिया पर अफवाहों और दावों से घिर गई।

पाकिस्तान के किराना हिल्स पर भारत के हमले का दावा

किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित एक मजबूत सैन्य क्षेत्र है। इसे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यहां भूमिगत सुरंगे हैं, जहां पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार स्टोर करता है। 1980 के दशक में यहां परमाणु परीक्षण किए गए। यह मुशाफ एयरबेस के पास है, जो पाकिस्तान की परमाणु कमांड से जुड़ा है।

OSINT का दावा

जुलाई 2025 में ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन साइमन ने गूगल अर्थ की जून 2025 की सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर दावा किया कि भारत ने किराना हिल्स पर एक चेतावनी हमला किया। इमेजरी मई 2025 का प्रभाव दिखाया गया। लेकिन इसमें कोई गहरी भूमिगत क्षति नजर नहीं आई। डेमियन ने कहा कि यह पाकिस्तान को अपनी परमाणु क्षमता दिखाने के खिलाफ भारत की ताकत दिखाने का संकेत था न कि पूर्ण विनाश की कार्रवाई थी।

एक अन्य साक्ष्य में, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, जिसमें किराना हिल्स के पास धुंधला धुंआ दिखा। ओएसआईएनटी की टीम ने इसकी जियो लोकेशन की पुष्टि की लेकिन हाई रिज़ॉल्यूशन इमेजरी की कमी रही। जिससे ये स्पष्ट होता है कि भारत ने किराना हिल्स पर चेतावनी हमला किया था।

भारत सरकार का किराना हिल्स पर हमले से इंकार

भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने 12 मई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से इंकार किया था। उन्होंने कहा,”हमने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया, वहां जो भी है। “भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा था कार्रवाई पारंपरिक थी और विदेशी विमानों के बारे में पाकिस्तान से पूछा जाए।

पकिस्तान का किराना हिल्स हमले पर रुख 

पाकिस्तान ने हमलों के बाद युद्धविराम की मांग की थी लेकिन किराना हिल्स हमले को लेकर कोई विशिष्ट टिपण्णी नहीं की।

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अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( IAEA ) ने 15 मई 2025 लो कहा कि पाकिस्तान के किसी भी परमाणु सुविधा से कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ।

अमेरिकी परमाणु भंडार की अफवाह का सच 

सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि किराना हिल्स में अमेरिकी गुप्त हथियार (US Nuclear Stockpile) रखे थे। जिनका इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया जाना था। इन हथियारों को भारत ने नष्ट कर दिया और इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रंप नाराज हैं।

कुछ अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया ,” अमेरिका ने किराना हिल्स में 250 परमाणु हथियार छिपाए थे(US Nuclear Stockpile) , जिन्हे भारत ने नष्ट कर दिया। ”

एक अन्य में ,”किराना हिल्स में अमेरिका का गुप्त बेस था, जहां रूस,चीन और ईरान के लिए यूरेनियम रखा गया था। भारत की ब्रह्मोस मिसाल के हमले से कई अमेरिकी वैज्ञानिक मारे गए। ”

सोशल मीडिया पर हो रहे इन दावों का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। Kirana Hills पाकिस्तानी परमाणु सुविधा है न कि अमेरिका की। अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। अमेरिका पाकिस्तान को परमाणु कार्यक्रम में कोई सहायता नहीं देता है।

हालांकि, कुछ रिपोर्ट में अमेरिकी रेडिएशन डिटेक्शन विमान (जैसे यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी का Beechcraft B350) की पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में मौजूदगी का जिक्र है।

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