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ISRO चीफ एस सोमनाथ ने बताया गगनयान, चंद्रयान 4 और चांद पर इंसान भेजने का शेड्यूल

अक्टूबर 27, 2024 | by pillar

ISRO releases schedule of Gaganyaan, Chandrayaan 4 (2)

ISRO Chief S Somanath ने Gaganyaan, Chandrayaan 4 और चंद्रमा पर इंसान भेजने का शेड्यूल जारी किया है। उन्होंने आकाशवाणी पर इसरो के अगले मिशनों की घोषणा की।

इसरो प्रमुख एस  सोमनाथ ने शनिवार को आकाशवाणी रेडियो पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। सरदार पटेल स्मृति पर व्याख्यान देते हुए डॉ सोमनाथ ने इसरो के आगामी अंतरिक्ष अभियानों के बारे में बताया।

ISRO लॉन्च करेगा Gaganyaan और Chandrayaan 4

ISRO चीफ के अनुसार, मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान (Gaganyaan) 2026 में लॉन्च किए जाने की संभावना है। चांद से नमूने लेकर वापस लौटने वाले चंद्रयान 4 (Chandrayaan 4) की लॉचिंग 2028 में की जाएगी। उन्होंने बताया कि  भारत और अमेरिका का साझा मिशन NISAR 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

ISRO और JAXA का साझा मिशन

इसरो चीफ डॉ एस सोमनाथ ने बताया कि जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA साझा मिशन चंद्रयान 5 लॉन्च किया जाएगा। जिसे LUPEX कहा जाता था। लुपेक्ष मिशन को पहले 2025 में लॉन्च किया जाना था लेकीन अब इसे चंद्रयान 5  का नाम दिया गया। चंद्रयान 5 को 2028 में लॉन्च किया जाएगा।

ISRO ने बताया चंद्रयान 5 के रोवर का वजन

ISRO ने कहा ” यह एक बहुत बड़ा और भारी मिशन होगा। जिसमें भारत का लैंडर इस्तेमाल किया जाएगा और जापान का रोवर होगा। चंद्रयान 3 के रोवर का वजन मात्र 27 किलोग्राम था। चंद्रयान 5 के रोवर का वजन 350 किलोग्राम होगा। यह विज्ञान प्रधान मिशन होगा। जो हमें चांद पर मानव उतारने एक कदम करीब ले जाएगा। भारत चंद्रमा पर 2040 तक मानव मिशन की तैयारी कर रहा है। ”

ISRO की आगामी योजनाएं

ISRO ने Gaganyaan, Chandrayaan 4 का शेड्यूल जारी कियाभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉक्टर एस सोमनाथ ने कहा,” हमारा वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अभी तक 2 प्रतिशत तक का योगदान है। जिसे अगले एक दशक में 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है। यह अन्य हिस्सेदारों की भागीदारी से ही संभव हो पाएगा।

Chandrayaan 3: उम्मीद बरकरार, चंद्रयान 3 के बारे में ISRO चीफ एस सोमनाथ ने दी खुशखबरी

डॉ एस सोमनाथ (Chief S Somanath) ने बताया,” इसरो पिछले एक दशक में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के आयात पर निर्भर रहा। अभी बहुत कुछ किया जाना बाकि है। वस्तुएं अभी विदेशों से आयात की जाती हैं। हमें अपने देश में निर्माण क्षमता को बढ़ाना होगा।

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