Hacker Julius Kivimaki: साइबर हैकर जूलियस किविमाकी ने अस्पताल के मरीजों की निजी जानकारी को डार्क वेब पर डाल दिया था। जूलियस किविमाकी ने मात्र 13 साल की उम्र में हैकिंग शुरू की थी और वह 11 साल बाद पकड़ा गया।
यूरोप में मोस्ट वांटेड साइबर हैकर जूलियस किविमाकी को फ़िनलैंड की जिला अदालत ने मरीजों की निजी जानकारी डार्क वेब पर अपलोड करने के आरोप में सजा सुनाई है। शातिर हैकेर ने करीब 33 हजार मरीजों के सेशन नोट चुराकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। जूलियस किविमाकी महज 13 साल की उम्र में हैकिंग गैंग में शामिल हो गया था।
ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार के दिन फ़िनलैंड की पश्चिमी यूसीमा जिला कोर्ट ने सभी मामलों में दोषी पाए जाने के बाद जूलियस किविमाकी को 6 साल और 3 महीने की जेल की सजा सुनाई है। जूलियस पर लगे आरोपों में 20745 मामले जबरन वसूली के प्रयास और 9231 मामले व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन के हैं।
जूलियस किविमाकी को पिछले साल फ्रांस से फ़िनलैंड प्रत्यर्पित किए जाने के बाद दोषी पाया गया था। केस की सुनवाई के दौरान फ़िनलैंड की जिला अदालत में खुलासा किया गया कि किविमाकी ने एक निजी मनोचिकित्सा सेवा केंद्रवास्तामो के नंबर को 2018 में हैक कर लिया था। उसने रोगियों के डेटाबेस को चुरा लिया था।
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, 26 वर्षीय जूलियस किविमाकी ने वर्ष 2020 में थरेपी करने वाली कंपनी से 400000 यूरो की फिरौती मांगी थी। उसने मनोचिकित्सा केंद्र से फिरौती की रकम का भुगतान बिटकॉइन में करने की मांग की थी।
मनोचिकित्सा केंद्र की तरफ से फिरौती का भुगतान न करने के बाद उसने प्रत्येक मरीज से 213 डॉलर के भुगतान के लिए ईमेल किया था। उसने मरीजों को उनकी व्यक्तिगत जानकारी पब्लिश करने की धमकी दी थी। जूलियस ने मरीजों को यह भी धमकी दी थी कि अगर फिरौती का भुगतान अगले 24 घंटे में न किया गया तो यह रकम बढ़कर 500 डॉलर हो जाएगी।
मरीजों को धमकी देने के तुरंत बाद जूलियस ने सभी मरीजों की निजी जानकारी डार्क वेब पर अपलोड कर दी थी जिसमें उनकी व्यक्तिगत जानकारी, एड्रेस और मोबाइल नंबर थे। हालांकि, अदलात में जूलियस किविमाकी ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इंकार किया था।