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करवा चौथ पर 70 साल बाद बन रहा है मंगल योग,जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह की चतुर्थी को आता है। इस त्योहार को दिवाली से 9 दिन पहले मनाया जाता है। करवा चौथ के त्योहार को देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह की चतुर्थी को आता है। इस त्योहार को दिवाली से 9 दिन पहले मनाया जाता है। करवा चौथ के त्योहार को देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ वैसे तो एक व्रत है लेकिन इस को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता। शुरू में यह व्रत भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता था लेकिन अब इसे देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा है। वैसे तो हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत सारे व्रत हैं लेकिन करवा चौथ का व्रत बहुत महत्व रखता है।

अन्न जल ग्रहण नहीं करती शादीशुदा महिलाएं

इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र का कामना करती हैं। करवा चौथ के दिन माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना के बाद करवा चौथ की कथा सुनी जाती है। इसके बाद रात के समय चांद निकलने पर अर्ध्य दिया जाता है।

इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाता है और मिठाई खिलाता है ,तब जाकर यह व्रत संपन्न होता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है। इस साल पुरे 70 साल बाद करवा चौथ के अवसर मंगल योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2019 के करवा चौथ में रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बन रहा है। जिसे बहुत फलदायी माना जाता है।

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त :-

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से करवा चौथ का व्रत अक्टूबर महीने में मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर को है। 17 अक्टूबर 2019 को सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर चतुर्थी तिथि का प्रारंभ होगा और 18 अक्टूबर 2019 को सुबह 7 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। करवा चौथ के व्रत का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगा और रात को 08 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा। जिसकी कुल अवधि 13 घंटे 50 मिनट है। पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर को गुरुवार के दिन शाम 05 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 02 मिनट तक है। जिसकी कुल अवधि 1 घंटा 16 मिनट है।

पूजा की विधि :-

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