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करवा चौथ से पहले जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय

करवाचौथ के पर्व पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखकर कठोर तप करती हैं। अगर आप भी करवा चौथ की तैयारी कर रही हैं तो आज हम आपको एक सप्ताह पहले बताने जा रहे हैं कि करवा चौथ कब है? करवा चौथ के दौरान पूजा और शुभ मुहूर्त का समय जानिए।

करवाचौथ के पर्व पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखकर कठोर तप करती हैं। अगर आप भी करवा चौथ की तैयारी कर रही हैं तो आज हम आपको एक सप्ताह पहले बताने जा रहे हैं कि करवा चौथ कब है? करवा चौथ के दौरान पूजा और शुभ मुहूर्त का समय जानिए।

हिंदू धर्म में करवाचौथ का बहुत महत्व है। करोड़ों महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। यह त्यौहार खासतौर पर उत्तर भारत में ज्यादा मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि चतुर्थी को आता है। इस दिन पति की अच्छी से कामयाबी और लंबी उम्र के लिए सुहागिने करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस पर्व के दौरान सुहागिन महिलाएं पानी की एक बूंद भी नहीं पीती हैं। इस कठिन उपवास को करोड़ों महिलाएं पूरी आस्था और विश्वास के साथ मनाती हैं। व्रत खोलने से पहले इसी दिन महिलाएं सोलह सिंगार कर सजती संवरती हैं। साल 2021 में करवा चौथ 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं करवा चौथ के बारे में और कैसे पूजा करें और शुभ मुहूर्त कब है।

करवा चौथ पूजा विधि

इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र पहन कर तैयार होकर व्रत का संकल्प लेती हैं। व्रत का संकल्प लेने के बाद ‘मम सुख सौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री परापतयेः करक चतुर्थी वर्तमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करती हैं। उसके बाद करवे में जल भरकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें या फिर पढ़ें। करवा चौथ की पूजा के दौरान मां पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और सुंदर वस्त्रों और सिंगार की चीजों से उन्हें सजाएं। उसके बाद पूरे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें। रात्रि में चंद्रमा देखने के बाद उसकी पूजा करें। करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखे और जलपान ना करें। पूजा खत्म होने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर अन्न या मिठाई या फिर फल खाकर अपना उपवास खोलें। पूजा के बाद घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लें।

करवा चौथ का दिन और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष करवा चौथ और 24 अक्टूबर 2021 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। पूजा का मुहूर्त सुबह 5:43 से शुरू होकर  को 6:50 मिनट तक है। पूजा की अवधि 1 घंटे 7 मिनट की है। चंद्रोदय का समय 8:07 है।

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