Site icon www.4Pillar.news

जानिए सोमवती अमावस्या पर शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

सोमवती अमावस्या का ऐसा योग 20 साल बाद बना है। कल सर्प दोष और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या पूजा का विशेष महत्व होता है।

सोमवती अमावस्या का ऐसा योग 20 साल बाद बना है। कल सर्प दोष और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या पूजा का विशेष महत्व होता है।

सावन के महीने में आने वाली अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। जब अमावस्य सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सावन के महीने में आने वाली इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसा संयोग लगभग 20 साल बाद बना है ,जब सावन की शुरुआत भी सोमवार के दिन हुई थी और समाप्त भी सोमवार की अमावस्या को हो रहा है। इस बार श्रावण पूर्णिमा भी सोमवार के दिन पड़ रही है।

अमावस्या का शुभ मुहूर्त

प्रारंभ समय ,20 जुलाई 2020 दोपहर 12 बजकर 10 मिनट और समाप्ति का समय रात 11 बजकर 02 मिनट पर है।

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूरज को अर्ध्य दें ,पीपल के वृक्ष की पूजा कर दान दक्षिणा करें।

सोमवती अमावस्या के दिन देवों के देव भगवन शिव ,माता पार्वती ,गणेश और कार्तिकेय की पूजा करें। सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखना भी बहुत फलदायी होता है। अमावस्या पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। ऐसे पावन अवसर पर एक पेड़ लगाना बहुत पुण्य का काम होता है।

Exit mobile version