कोविड-19 महामारी के बीच कोविन एप्प और इसके इको सिस्टम को विस्तृत करने तक चलने वाले कोरोना वैक्सीन अभियान का प्रबंधन और व्यवस्थित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
कोरोनावायरस टीकाकरण आधार प्रमाणीकरण 12 भाषाओं में वैक्सीन लेने की पुष्टि के एस एम एस ये वे खास फीचर है जो लाखों लोगों को वैक्सीन देने के लिए भारत सरकार की ओर से भी किए जा रहे हैं। जो coWIN ऐप में होंगे।
coWIN ऐप का इस्तेमाल जरूरी
कोविड महामारी के बीच coWIN ऐप का सिस्टम विस्तृत स्तर पर चलने वाले कोरोना वैक्सीन अध्ययन को मैनेज और व्यवस्थित करने के इस्तेमाल किया जाएगा। टीकाकरण से जुड़ी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने मंगलवार के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया coWIN ऐप इको सिस्टम के जरिए टीकाकरण सेशन का स्वचालित संचालन होगा। इस आधार के जरिए प्रमाणीकरण के तरीके से कदाचार को रोका जा सकेगा।
कोरोना वायरस टीकाकरण प्रक्रिया
- कोरोना वैक्सीन की डोज देने के बाद किसी भी संभावित प्रभाव के लिए टीका लगाने वाले पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। टीकाकरण में लगे हेल्थ वर्कर्स और टीकाकरण के लिए इंतजार कर रहे लोगों को जानकारी देने के लिए 12 भाषाओं में s.m.s. भेजे जाएंगे। टीका लगवा कर एक क्यूआर कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा। जिसे मोबाइल में स्टोर करके रखा जा सकता है।
- फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स को कोई एप्प प्रमाणीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी। इसका डाटा पहले से ही सरकार के पास है।
- गवर्नमेंट डॉक्यूमेंट ऐप डिजिलॉकर को भी क्यूआर कोड बेस सर्टिफिकेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर होगी।
- coWIN ऐप के जरिए यूनिक हेल्थ आईडी जनरेट कर सकते हैं।
- कोरोना वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन में काम करने वालों को दी जाएगी। जिसमें कोरोना मरीजों के इलाज में लगे सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर नर्स स्टाफ आदि शामिल है।
- फ्रंटलाइन वर्कर नर्स सुरक्षा बल पुलिस होमगार्ड नगर पालिका वर्कर आदि शामिल होंगे जिसके बाद प्राथमिकता वाले समूह का नंबर आएगा। जिसमें 27 करोड़ भारतीय होंगे इसमें 50 से ऊपर उम्र के लोग होंगे। 50 वर्ष से कम के ऐसे लोग जिन्हें पहले से कोई हमारी हो वह भी होंगे।
- देश में करोना टीकाकरण का काम सिद्धांतों पर आधारित होगा। तकनीक के आधार पर लागू करना 1 साल या अधिक समय की तैयारी मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं से कोई समझौता नहीं। सार्वजनिक कार्यक्रमों के अनुभव का लाभ लिया जाएगा। लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना और वैज्ञानिक और अन्य नियमों पर कोई समझौता नहीं होगा।
इन कंपनियों को मिली मंजूरी
रविवार के दिन डीसीजीआई ने जिन दो कोरोना वैक्सीन को सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है। उसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजनेका के द्वारा सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेक द्वारा विकसित पूर्ण स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है।
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