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लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में निधन, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन हो गया है। वह COVID 19 पॉजिटिव होने के बाद से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी। आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता मंगेशकर ने अस्पताल में अंतिम सांस ली। 

सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन हो गया है। वह COVID 19 पॉजिटिव होने के बाद से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी। आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता मंगेशकर ने अस्पताल में अंतिम सांस ली।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट कर दी है। नितिन गडकरी ने 9 बजकर 43 मिनट पर एक ट्वीट के जरिए लता मंगेशकर के निधन की जानकारी दी है। गडकरी ने अपने ट्वीट में लिखा ,” देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूर्ण क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी। ”

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पैदा हुई लता मंगेशकर पंडित दीनानाथ की सबसे बड़ी बेटी थी। उनका पहला नाम हेमा था बाद में परिवार ने नाम बदलकर लता रख दिया था। लता मंगेशकर अपने सभी भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। उनकी छोटी बहनों के नाम मीना ,आशा और उषा मंगेशकर हैं। उनके छोटे भाई का नाम हृदयनाथ मंगेशकर है।  उनके पिता दीनानाथ रंगमंच के मशहूर कलाकार और गायक थे।

लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र में ही पिता दीनानाथ के साथ रंगमंच पर अभिनय करना शुरू कर दिया था। वह बचपन से ही सिंगर बनना चाहती थी। उनके पिता को शास्त्रीय संगीत बेहद पसंद था। इसलिए वह लता का फिल्मों में गाने का विरोध करते थे। साल 1942 में पिता के देहांत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी। घर का खर्च चलाने के लिए लता मंगेशकर ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी मोटी भूमिकाएं निभाई।

लता मंगेशकर ने पहली बार मराठी फिल्म किती हसाल के लिए गाना गाया था। लता मंगेशकर ने बॉलीवुड ,मराठी तमिल तेलुगु और हिंदी फिल्मों के लिए काफी गाने गाये हैं। साल 2001 में उन्हें संगीत के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के लिए देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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