Basant Panchami
Basant Panchami पूजा
मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है। आज Basant Panchami के दिन मां सरस्वती की का पूजा की जाती है। अगर आप भी मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं तो यहां बताई गई विधि अपनाएं।
अब देशभर में 29 जनवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। प्रचलित कथा के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की संरचना की थी।
ब्रह्मा जी ने ऐसी देवी की रचना की जिन के चार हाथ थे, एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक तीसरे में माला, और चौथा हाथ वरदान की मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने देवी को वीणा बजाने के लिए, जिसके बाद संसार में मौजूद सभी चीजों में स्वर आ गया और इसी वजह से उन्होंने सरस्वती मां को वाणी की देवी का नाम दिया। मां सरस्वती को ज्ञान संगीत और कला की देवी कहा जाता है।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है तो यहां दी गई विधि को अपनाएं।
- आज के दिन सबसे पहले कलश स्थापित कर भगवान गणेश के नाम का पूजन करें।
- इस अवसर पर मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले सरस्वती की प्रतिमा रखें।
- सरस्वती मां की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आचमन और स्नान कराएं।
- माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और श्वेत वस्त्र पहनाए फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें।
- माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें।
- मां को पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ बूँदी चढ़ाएं।
- माता को मालपुए और खीर का भोग लगाएँ।
- सरस्वती माता की पूजा करते समय पुस्तकों या फिर वाद्य यंत्रों का पूजन करें।
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