चिट्ठी विवाद: जनरल हर्ष कक्कड़ बोले मैंने दी थी इजाजत

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को सेना के राजनीति में इस्तेमाल पर एक चिट्ठी लिखे जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। बताया जा रहा है इस पत्र के माध्यम से भारत की तीनों सेनाओं के आठ पूर्व प्रमुखों सहित 150 से भी ज्यादा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को सेना का राजनीती में इस्तेमाल न करने की मांग की गई थी।

चिट्ठी में पहले नंबर पर थलसेना के पूर्व जनरल एस एफ रोड्रिग्स का नाम है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई द्वारा पूछे जाने पर जनरल रोड्रिग्स ने तथाकतित पत्र के बारे में अपनी अनभिग्यता जाहिर करते हुए कहा ,’पता नही ये कहां से आया है ,मैं अपनी पूरी जिंदगी राजनीती से दूर रहा हूं। अपनने 42 साल के करियर में मैंने कभी राजनीती की बात नही कही है। मैं नहीं जनता किन लोगों ने यह गलत खबर फैलाई है।”

चिट्ठी के बारे में राष्ट्रपति भवन ने इस तरह की चिट्ठी मिलने से इंकार किया है। चिट्टी में जिन लोगों का जिक्र हैं उनमें से वायुसेना के रिटायर्ड एयर मार्शल एन सी सूरी ने कहा कि उन्होंने इस तरह की किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

दूसरी तरफ सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने कहा कि उन्होंने इस चिट्ठी पर अपनी सहमति दी थी। जनरल कक्कड़ ने कहा उनसे पूछने के बाद ही उनका नाम जोड़ा गया है। उनका नाम चिट्ठी में 31वें स्थान पर है।

जनरल शंकर रॉय चौधरी

दूसरे ,जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा ,हमने देश के माहौल के बारे में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। देश में संस्थाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है,इसमें राष्ट्रपति को ध्यान देना चाहिए। देश में नेता अपने फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं ,जिससे जवानों की छवि को नुकसान पहुँच रहा है।

भारतीय सेना

आपको बता दें,यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय सेना को मोदी की सेना कहकर संबोधित किया था। जिस विपक्षी दलों ने अपनी नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

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