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एक गलती के कारण दो साल बाद अलीगढ से क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा दिल्ली दंगो और हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या का आरोपी मोहम्मद वसीम

एक गलती के कारण दो साल बाद अलीगढ से क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा दिल्ली दंगो और हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या का आरोपी मोहम्मद वसीम

Delhi Riots 2020 : दिल्ली दंगों और पुलिस हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोपी मोहम्मद वसीम को क्राइम ब्रांच ने यूपी के अलीगढ से गिरफ्तार कर लिया है।  वह पिछले दो साल से फरार चल रहा था। उस पर दिल्ली दंगा भड़काने और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या का आरोप है।

दिल्ली दंगा 2020

दो साल पहले फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे। इन दंगों में 55 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें आईबी अधिकारी अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल रतन लाल भी शामिल था। वहीं 550 के करीब लोग घायल हुए थे। दिल्ली दंगे में 50 से अधिक पुलिस कर्मी जख्मी हुए थे। पांच दिन तक चले दंगे के मामले में पुलिस ने साढ़े सात सौ से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और ढाई हजार लोगों को गिरफ्तार किया था।

डोनाल्ड ट्रंफ का दौरा

दिल्ली में ये दंगा उस समय हुआ था जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंफ भारत के दौरे पर आए हुए थे। उस समय डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा और एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार दिल्ली के चांद बाग तैनात थे।

दिल्ली में उस समय भड़के दंगे के दौरान उग्र प्रदर्शनकारियों ने डीसीपी अमित शर्मा पर हमला कर दिया था। उस दौरान ड्यूटी पर तैनात दूसरे पुलिस कर्मियों ने शर्मा को बचाने का कोशिश की लेकिन वह घायल हो गए थे। अमित शर्मा घायल हो गयी थे। जबकि प्रदर्शनकारियों ने रतन लाल पर चाकुओं से हमला कर दिया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई थी।

दो साल से फरार था वसीम

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली थी। इसी दंगे में रतन लाल की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी मोहम्मद वसीम पिछले दो साल से फरार चल रहा था। जिसको रविवार के दिन क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ सी गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले दो साल से अपनी पहचान और नाम बदल कर अलग अलग जगह रह रहा था।

हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या

दिल्ली पुलिस के अनुसार वसीम दिल्ली दंगों की साजिश रचने और और रतन लाल की हत्या करने का आरोपी है। दिल्ली दंगों की साजिश के आरोप में 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि , मोहम्मद वसीम अपने चार सहयोगियों के साथ फरार हो गया था। पुलिस से बचने के लिए उसने अपना फोन भी तोड़ दिया था। लेकिन दो साल बाद वह एक फोन कॉल की वजह से पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

इस गलती के कारण धरा गया

क्राइम ब्रांच के कमिश्नर रविंद्र यादव के अनुसार, मोहम्मद वसीम ने एक महीने पहले अपने पड़ोसी को फोन कॉल कर पूछा था कि क्या मेरा घर ठीक है ? पुलिस ने इस पर कब्जा तो नहीं कर लिया ? इसे गिरा तो नहीं दिया गया है? दिल्ली के दयालपुर का रहने वाला वसीम अपनी इसी गलती के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने वसीम की मोबाइल लोकेशन ट्रैक की। वह अलीगढ की एक फैक्ट्री में काम करता था। जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

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