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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को मिला 1 महीने का पैरोल

तमिलनाडु सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए सात दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को एक महीने का पैरोल दिया है।

तमिलनाडु सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए सात दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को एक महीने का पैरोल दिया है। राज्य सरकार ने यह जानकारी मद्रास हाईकोर्ट को दी है। तमिलनाडु सरकार के वकील हसन मोहम्मद ने जस्टिस बीएन प्रकाश और जस्टिस आर हेमलता की डिविजनल बेंच को यह जानकारी दी है कि नलिनी की मां एस पद्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई के दौरान दी गई।

जस्टिस बीएन प्रकाश और जस्टिस आर हेमलता की बेंच ने इस जानकारी को रिकॉर्ड करने के बाद याचिका पर सुनवाई बंद कर दी। अपनी याचिका में नलिनी की मां पद्मा ने कहा था कि उसे कई बीमारियां हैं और वह चाहती है कि उसकी बेटी उसके पास रहे। उसने कहा है कि इस संबंध में उसने पैरोल के लिए 1 महीने राज्य सरकार को आवेदन दिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 1 महीने का पैरोल आज 24 दिसंबर से शुरू होगा। यह जानकारी नलिनी के वकील राधाकृष्णन ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दी है।

दायर की रिहाई की याचिका

नलिनी की एक और याचिका अदालत में लंबित है। जिसमें वेल्लोर सेंटर जेल से उसने खुद को रिहा करने की मांग की है। नलिनी वेल्लोर सेंट्रल जेल में पिछले 3 दशकों से अधिक समय से बंद है। नलिनी को एक ट्रायल कोर्ट ने 1998 में फांसी की सजा सुनाई थी। जिसे साल 2000 में उम्र कैद में बदल दिया गया था।

राजीव गांधी हत्याकांड

राजीव गांधी की चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में 21 मई 1991 को एक आत्मघाती महिला ने चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी थी। इस मामले के तार श्रीलंका में सक्रिय उस समय के एलटीटीई से जुड़े थे। इस मामले में 7 लोग- मुर्गन, संस्थान पैरारिवलन, रॉबर्ट पायस, जय कुमार , रविचंद्रन और नलिनी श्रीहरन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। जिनमें से नलिनी श्रीहरन को एक महीने का पैरोल दिया गया है।

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