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Nigerian Girls: 4 नाइजीरियाई लड़कियों ने किया मूत्र से चलने वाले जनरेटर का आविष्कार

Nigerian Girls: 4 नाइजीरियाई लड़कियों ने किया मूत्र से चलने वाले जनरेटर का आविष्कार

Nigerian Girls: नाइजीरिया की 4 लड़कियों ने एक ऐसे जेनरेटर का अविष्कार किया है जो मूत्र से चलता है। यह मूत्र से हाइड्रोजन गैस निकालकर बिजली पैदा करता है।

Nigerian Girls ने किया मूत्र जनरेटर का अविष्कार

Nigerian Girls की यह खबर 2012 की है, जब नाइजीरिया की चार किशोर लड़कियों ने एक ऐसे जनरेटर का आविष्कार किया। जो मूत्र (urine) से हाइड्रोजन गैस निकालकर बिजली पैदा करता है। दावा किया गया कि 1 लीटर मूत्र से यह 6 घंटे की बिजली दे सकता है। यह प्रोजेक्ट एक साइंस फेयर में पेश किया गया था। इसने दुनिया भर में काफी ध्यान खींचा, लेकिन इसमें कुछ वैज्ञानिक सीमाएं भी हैं। आइए विस्तार से समझते हैं:

Nigerian Girls की उम्र और नाम

यह आविष्कार नाइजीरिया में बिजली की लगातार कटौती और पारंपरिक जनरेटरों से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) जहर से होने वाली मौतों की समस्या से प्रेरित था। चार लड़कियों (4 Nigerian Girls) ने पुराने या आसानी से उपलब्ध पार्ट्स का इस्तेमाल करके यह डिवाइस बनाई। लड़कियों के नाम और उम्र इस प्रकार हैं:

मूत्र जनरेटर का अविष्कार

यह प्रोजेक्ट 2012 में लागोस, नाइजीरिया में आयोजित मेकर फेयर अफ्रीका (Maker Faire Africa) में प्रदर्शित किया गया था। यह एक वार्षिक इवेंट है जो इनोवेशन और Nigerian Girls की  क्रिएटिविटी को बढ़ावा देता है।

जनरेटर कैसे काम करता है ?

यह जनरेटर सीधे मूत्र को ईंधन के रूप  में इस्तेमाल नहीं करता है। बल्कि मूत्र से हाइड्रोजन गैस निकालकर उसे जनरेटर में जलाता है। यह प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप इस प्रकार है :

जनरेटर में वाल्व सेफ्टी

सुरक्षा के लिए वन-वे वॉल्व का इस्तेमाल किया गया ताकि हाइड्रोजन के विस्फोट का खतरा कम हो। दावा है कि 1 लीटर मूत्र से 6 घंटे की बिजली मिलती है, लेकिन आउटपुट की मात्रा (जैसे वाटेज) स्पष्ट नहीं बताई गई – यह एक छोटे डिवाइस को पावर करने जितनी हो सकती है, न कि पूरे घर को।

Nigerian Girls का सच्चा अविष्कार, भ्रामक दावा

यह आविष्कार सच्चा है, लेकिन इसमें कुछ भ्रामक तत्व हैं। यह डिवाइस नेट एनर्जी गेन नहीं पैदा करती – यानी मूत्र से हाइड्रोजन निकालने में जितनी एनर्जी लगती है। उससे कम एनर्जी बिजली के रूप में मिलती है। थर्मोडायनामिक्स के नियमों के अनुसार, यह एनर्जी क्रिएट नहीं कर सकती।

ओहियो यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गेरार्डाइन बोते (जिन्होंने यूरिया इलेक्ट्रोलिसिस की तकनीक विकसित की) ने कहा कि यह एक हाई स्कूल प्रोजेक्ट है और इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। हालांकि, यह वेस्टवाटर ट्रीटमेंट में उपयोगी हो सकता है, जहां मूत्र से हाइड्रोजन निकालकर कुछ एनर्जी रिकवर की जा सकती है और अपशिष्ट को साफ किया जा सकता है।

Nigerian Girls: बोते की रिसर्च वेस्टवाटर से हाइड्रोजन निकालने पर फोकस करती है, और उनकी कंपनी E3 Clean Technologies इसे स्केल करने पर काम कर रही है। अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट भी ऐसी टेक्नोलॉजी का टेस्ट कर रहा है। नाइजीरिया जैसे देशों में, जहां बिजली की समस्या है, यह एक सस्टेनेबल और सुरक्षित विकल्प हो सकता है, क्योंकि इससे CO जैसा जहर नहीं निकलता।

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