कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयों की भारी कमी देखने को मिली। देश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना मरीजों की मौत हुई है। लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। सरकार के इस बयान पर शिवसेना पार्टी के नेता संजय राउत ने जमकर हमला बोला है।
सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए
सांसद संजय राउत ने कहा,” मेरे पास शब्द नहीं है। आखिरकार इस तरह का बयान सुनकर उनके परिजनों पर क्या गुजरी होगी? जिनकी मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थी। सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए। यह कोरा झूठ बोल रहे हैं।”
संजय राराउत ने पेगासस फोन हैकिंग मामले को लेकर भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। राउत ने कहा कि विपक्ष की तरफ से जेपीसी और सुप्रीम कोर्ट के दखल की मांग की जा रही है।
शिवसेना नेता ने कहा कि यदि रविशंकर प्रसाद विपक्ष में होते तो फिर वह भी इस तरह की मांग करते। इसलिए सच को सामने आने दो। यदि अब कुछ भी गलत नहीं है तो फिर इन्हें डर किस बात का है। आपको बता दें पेगासस स्पाईवेयर को लेकर विपक्ष की तरफ से लगातार संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की जांच रही है।
मंगलवार के दिन राज्यसभा में कोरोना संकट को लेकर हुई बहस के दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि सरकार को इस महामारी में हुई मौतों का पूरा आंकड़ा रखना चाहिए। सरकार को कोरोना के चलते मरने वाले सभी लोगों का सही डाटा पेश करना चाहिए। ताकि पूरी जानकारी मिल सके।
इन सवालों के जवाब में डॉक्टर हर्षवर्धन का पदभार संभालने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी नहीं दी जाती है। मनसुख मांडवीया ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कोरोना के आंकड़ों को छिपाने की कोई वजह नहीं है। केंद्र सरकार सिर्फ आंकड़ों का संकलन ही करती है। जो राज्यों की तरफ से पेश किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर रोज राज्य सरकारों की तरफ से जो आंकड़े दिए जाते हैं। उन्हें कंपाइल करके ही अगले दिन सुबह केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया जाता है।