22 जून 1983 को मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच सेमीफाइनल मैच खेला गया था। इंग्लैंड के कप्तान बॉब बिलिस ने पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
वर्ल्ड कप 1983 के यादगार पल
इंग्लैंड की पूरी टीम 60 ओवर में सिर्फ 213 रन पर ही सिमट गई थी। ओपनर ग्रेम फ्लावर ने 33 और उसके साथी क्रिस ने 32 रन बनाकर टीम को पहले विके jiट के लिए 69 रन की साझेदारी करके दी थी। लेकिन फिर भी मध्य कम पूरी तरह बिखर गया। ऐलन लैब ने 29 रन बनाए तो माइक गैटिंग 18 रन ही बना पाए।
इंग्लैंड की टीम को सबसे ज्यादा नुकसान तो कपिल देव ने पहुंचाया था। जिन्होंने 11 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट झटके थे। लेकिन से गहरी चोट मोहिंदर अमरनाथ सिंह ने दी थी। जिन्होंने 12 ओवर में सिर्फ 27 रन देकर डेविड गावर और माइक गैटिंग जैसे बल्लेबाजों को पैविलियन भेज दिया था।
कपिल देव और महेंद्र अमरनाथ जोड़ी ने किया कमाल
टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में गेंदबाजों ने तो अपना काम कर दिया था। लेकिन अब बारी बल्लेबाजों की थी। जब सिर्फ 19 रन बनाकर टीम इंडिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज श्रीकांत और 25 रन के स्कोर पर सुनील गावस्कर बैक टू द पैविलियन हो गए तो टीम इंडिया की हार के बादल मंडराने लगे थे। मगर इसके बाद जो भी बल्लेबाज आया उसने पिच पर खुटा गाड़ दिया। तीसरे नंबर पर उतरे महेंद्र अमरनाथ ने गेंदबाजी के बाद बल्ले से भी अपना करिश्मा दिखाते हुए 92 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 46 रन बनाए। चौथे नंबर पर यशपाल शर्मा ने 3 चौकों और दो छक्कों की मदद से 115 गेंदों पर 61 रन की पारी खेली।
इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद संदीप पाटिल ने सिर्फ 32 गेंदों पर आठ चौके जड़कर क्या 51 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। उनके साथ कप्तान कपिल देव 1 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। भारतीय टीम ने 54.4 ओवर में 6 विकेट से मैच जीत लिया था। जिसके बाद फाइनल में जगह बना ली थी ।
बता दें, भारत ने आज से 38 साल पहले 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था ।