राफेल जेट सौदे को लेकर फ्रांस की न्यूज़ वेबसाइट मीडियापार्ट की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से जल्द सुनवाई करने की मांग की है।
इससे पहले दो बार ख़ारिज हो चुकी याचिका
राफेल जेट सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले दिसंबर 2018 में इसी तरह की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। नवंबर 2019 में पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया था। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की थी। मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो को भी पक्षकार बनाया था। फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एवियशन ने पहले ही इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि सौदे में कोई अनियमितता नहीं हुई और ना ही कोई भ्रष्टाचार हुआ है।
फ़्रांसिसी मीडियापार्ट की रिपोर्ट के बाद दायर की गई याचिका
राफेल जेट सौदे को लेकर फ्रांस की एक न्यूज़ वेबसाइट मीडियापार्ट ने तीन हिस्सों में एक रिपोर्ट पेश की है। इसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने एक भारतीय मिडिल मैन को कथित रूप से एक मिलियन यूरो की रकम रिश्वत के तौर पर दी है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है।
सर्वोच्च न्यायालय राफेल सौदे के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई 2 हफ्ते बाद करेगा। याचिकाकर्ता ने भारत के प्रधान न्यायाधीश से जल्द सुनवाई करने की मांग की है। राफेल सौदा की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका फ्रांसीसी न्यूज़ पोर्टल द्वारा किए गए नए खुलासे के बाद दायर की गई है। इस याचिका में सौदे को रद्द करने और जुर्माने के साथ सारी रकम वसूलने की भी मांग की गई है,
याचिकाकर्ता ने इस मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच कराने के आदेश की मांग की है। फ्रांसीसी मीडियापार्ट की रिपोर्ट में बताया गया था कि राफेल डील में एक बिचौलिए को एक मिलियन यूरो रिश्वत के तौर पर दिए गए थे। हालांकि राफेल जेट बनाने वाली दसाल्ट ने इन आरोपों का खंडन किया है।