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Ajmer Sex Scandal 1992: 32 साल पुराने केस में POCSO Court ने 6 आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

Ajmer Sex Scandal 1992: 32 साल पुराने केस में POCSO Court ने 6 आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

अजमेर की स्पेशल POCSO Court ने Ajmer Sex Scandal 1992 के मामले में 6 आरोपियों को मंगलवार के दिन उम्रकैद की सजा सुनाई है। आज से 32 साल पहले अजमेर शहर के कई रईसजादों ने 100 से अधिक स्कूल और कॉलेज की लड़कियों को ब्लैकमेल कर अपनी हवस का शिकार बनाया था। पोक्सो अदालत ने केस के 6 दोषियों को उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 5 लाख रुपए का जुर्माना भरने की भी सजा सुनाई है।

POCSO Court ने 32 पुराने केस में सुनाई उम्रकैद की सजा

मंगलवार के दिन अजमेर को स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने 32 साल पुराने मामले में 6 आरोपियों को 100 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज की लड़कियों के रेप और ब्लैकमेल का दोषी ठहराया है। स्पेशल अदालत ने छह आरोपियों को उम्रकैद और 5 लाख रुपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट ने नसीम उर्फ़ टार्जन, नफीस चिश्ती, इक़बाल भाटी,सलीम चिश्ती,सैय्यद जमीर हुसैन और सोहेल गनी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

1992 के सेक्स स्कैंडल केस में कोर्ट ने सुनाई सजा

अभियोजन पक्ष के वकील वीरेंद्र सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से बताया,” 1992 के सेक्स स्कैंडल में शामिल सभी छह आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। पहली चार्जशीट में 12 के नाम शामिल थे। टार्जन 1994 में फरार हो गया था। जबकि जहूर चिश्ती को धारा 377 के तहत दोषी पाया गया। उसका मामला दूसरी अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है। ”

उन्होंने बताया कि दिमागी बिमारी का पता चलने के बाद फारुख चिश्ती का मामला अलग से चलाया गया था। फारुख को 2007 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस मामले के अन्य आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी। अन्य आरोपियों को 1998 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जबकि सोहल गनी, इक़बाल भाटी, सलीम चिश्ती, नफीस चिश्ती,अलमास और सैयद जमीर हुसैन के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दाखिल की गई थी।

इन आरोपियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

सलीम चिश्ती,नफीस चिश्ती,सोहेल गनी,इक़बाल भाटी, टार्जन और सैयद जमीर हुसैन समेत बाकी पांच आरोपियों को मंगलवार के दिन आजीवन कारावास की सुजा सुनाई गई। इनका नाम पहली चार्जशीट में था और ये फरार चल रहे थे।

वकील ने बताया, जिन आरोपियों को पहले सजा सुनाई थी  या तो उनकी सजा पूरी हो गई है या फिर उन्हें अदालतों ने बरी कर दिया है। शेष छह आरोपियों के खिलाफ अलग से म मुकदमा चलाया गया। क्योंकि उनकी जांच पहले आरोप पत्र के समय लंबित थी।

क्या है मामला ?

आज से 32 साल पहले अजमेर शहर के एक स्थानीय अख़बार दैनिक नवज्योति ने एक सनसनीखेज खुलासा किया था। जिसमें समाचार पत्र ने एक बहुत बड़े सेक्स स्कैंडल का भंडाफोड़ किया था। उस समय अख़बार ने “बड़े लोगों की पुत्रियां ब्लैकमेल का शिकार” शीर्षक के साथ छापी थी। युवा पत्रकार संतोष गुप्ता ने इस खबर के साथ लड़कियों की न्यूड तस्वीरों को भी छापा था। इस खबर के बाद अजमेर ही नहीं बल्कि पुरे राजस्थान में हंगामा मच गया था।

कॉलेज गर्ल्स के न्यूड फोटो

100 से अधिक कॉलेज छात्राओं की न्यूड तस्वीरें वायरल होने के बाद राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने ये मामला जांच एजेंसी के हवाले कर दिया।

सीएम भैरों सिंह शेखावत ने दिए थे जांच के आदेश

सीआईडी,राजस्थान पुलिस और क्राइम ब्रांच की जांच के बाद जो कहानी सामने आई, उसने पुरे देश को हिलाकर रख दिया था। ये उस समय का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने शहर के एक बड़े व्यापारी के बेटे के साथ दोस्ती की। फिर उसके साथ कुकर्म कर उसकी तस्वीरें ले ली। आरोपियों ने बिजनेसमैन के बेटे को उसकी अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया और उसकी गर्लफ्रेंड को फार्म हाउस में बुलाया।

आरोपियों ने व्यापारी के बेटे की गर्ल फ्रेंड का रेप किया और उसकी न्यूड तस्वीरें निकाली। ( बता दें, उस समय तस्वीरें लेने की लिए सिर्फ कैमरे का ही इस्तेमाल होता था, आज की तरह मोबाइल अउ अन्य उपकरणों का नहीं )  न्यूड फोटो के जरिए लड़की को ब्लैकमेल किया। उस पर उसकी दोस्तों को बुलाने के लिए दबाव डाला गया। बदनामी से बचने के लिए लड़की ने अपनी दोस्तों को आरोपियों के बताए ठिकाने पर बुलाया।

ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। आरोपी, पीड़ित लड़की को दोस्तों को भी ब्लैकमेल करने लगे, उनकी न्यूड फोटो लेते और अन्य लड़कियों को बुलाने के लिए दबाव डालते, फिर ऐसा ही करते रहे। इस तरह आरोपियों से 100 से अधिक लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनका रेप किया।

आरोपियों की फिएट कार में शहर के अलग -अलग कॉलेज से छात्राओं को अजमेर के अलग अलग ठिकानों पर ले जाया जाता था और उनका रेप किया जाता था।

आरोपियों ने छात्राओं की नग्न तस्वीरें निकालने के लिए अजमेर के एक फोटो स्टूडियो के फोटोग्राफर को हायर किया। फोटो स्टूडियो के लैब टेक्निशयन ने भी लड़कियों की नग्न तस्वीरें बाजार में बेच दी। जिसके बाद लड़कियों को अन्य लोगों ने भी ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

केस के सभी आरोपियों के नाम 

अजमेर सेक्स स्कैंडल का मास्टरमाइंड यूथ कांग्रेस अध्यक्ष फारुख चिश्ती था। उसके अलावा यूथ कांग्रेस का वॉइस प्रेजिडेंट नफीस चिश्ती और जॉइंट सेक्रेटरी अनवर चिश्ती भी इस स्कैंडल में शामिल था। इन तीनों के अलावा पुरषोत्तम, इक़बाल भाटी,सलीम चिश्ती, जमीर हुसैन,सोहेल गनी, इशरत अली, अल्मास महाराज, पूतन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम, फोटो स्टूडियो का मालिक महेश, जहूर चिश्ती, ड्राइवर शंभु इस सेक्स स्कैंडल में शामिल थे।

बता दें, मामले का आरोपी पुरषोत्तम उर्फ़ बबली 1994 में आत्महत्या कर चूका है। फारुख चिश्ती को 2007 में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसे 2013 में बीमारी के कारण रिहा कर दिया गया था।

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