कतर कोर्ट ने इंडियन नेवी के आठ पूर्व अधिकारीयों की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कतर की अदालत जल्द ही इस मामले पर सुनवाई शुरू करेगी।
कतर कोर्ट ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारीयों की मौत की सजा के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है। 26 अक्टूबर 2023 को सजा सुनाए गए पूर्व नौसेना अधिकारीयों को कथित जासूसी के आरोप में इसी साल अगस्त महीने में गिरफ्तार किया गया था। भारत सरकार ने कतर कोर्ट के इस फैसले को चौंकाने वाला बताते हुए अपने नागरिकों को क़ानूनी सहायता देने की बात कही थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सरकार सभी क़ानूनी विकल्प तलाश कर रही है।
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आठ पूर्व नौसेना के अफसरों की फांसी की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने याचिका दायर की है। इस याचिका को कतर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर जल्द सुनवाई शुरू हो सकती है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार के दिन कहा है कि यह मामला गोपनीय है। अदालत के फैसले को लीगल टीम के साथ साझा किया गया है। अभी क़ानूनी विकल्पों पर विचार करने के बाद याचिका दायर की गई। हम कतर के अधिकारीयों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार आठ पूर्व नौसेना के अधिकारीयों की मौत की सजा मामले पर कतर के अधिकारीयों के साथ बातचीत कर रहे हैं। सभी पूर्व अधिकारीयों को क़ानूनी सहायता देना जारी रखा जाएगा। बता दें, कतर ने 8 पूर्व नौसेना के अधिकारीयों को अगस्त 2022 में इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। ये आठों कर्मी कतर की एक कंपनी में कार्यरत थे।
कौन हैं 8 पूर्व नेवी अफसर ?
कतर में जिन आठ पूर्व नौसेना अधिकारीयों को कतर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है उनके नाम इस प्रकार हैं- कमांडर अमित नागपाल,कमांडर पुर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ट और नाविक राजेश हैं। इन्हे कतर की खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त को दोहा से गिरफ्तार किया था।