RafaleDeal:नई दिल्लीः राफेल डील मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कई खरब डॉलर की राफेल हवाई जहाज डील अदालत की निगरानी में की जाने वाली जाँच की सभी याचिकाओं ख़ारिज कर दिया है।
चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई ने याचिका को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया अगर हम सरकार को 136 खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते तो मामले की जाँच करना भी उचित नहीं है। यह कोर्ट का काम नहीं है कि जहाजों की कीमत के विवरण को तय करे।
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने जिसका नेतृत्व न्यायमूर्ति रंजन गोगोई कर रहे कहा ,हवाई जहाजों की जरूरत गुणवत्ता में संदेह नहीं है और विस्तृत जाँच की कोई जरूरत नहीं है। हमें राफेल जेट के खरीद, मूल्य निर्धारण और ऑफसेट हिस्सेदार के साथ हस्तक्षेप करने का पर्याप्त मामला नहीं मिला है।
इस मामले में वकील एम् एल शर्मा पहले याचिकाकर्ता थे। इसके बाद एक और वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में सौदे की जाँच अदालत की निगरानी में करने की याचिका दायर की थी। आम आदमी पार्टी के नेता राजयसभा सांसद संजय सिंह ने भी राफेल डील के खिलाफ याचिका दायर थी।
वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अदालत के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा,लागत और तकनीक बड़ी है ,सुप्रीम कोर्ट ने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया।
राफेल डील सौदे के फैसले पर एक और याचिकाकर्ता,वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा,सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बिलकुल गलत है। उन्होंने कहा राफेल खरीद प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फसते नजर रहे थे। वायुसेना को 136 विमानों की आवश्यकता है ,वायुसेना ऐसा कभी नहीं कहा कि 36 ही पर्याप्त हैं। केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में मूल्य का विवरण माननीय अदालत को भेजा है जिसके बारे में हमें कभी नहीं बताया गया।
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