Site icon 4pillar.news

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा-भारत एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।जिसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।जिसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा,” देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है।तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं।लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मजदूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।”

क्या थी चंपारन त्रासदी ?

बता दें,साल 1917 में बिहार के चंपारन जिला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अगुवाई में भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन हुआ था। यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था।महात्मा गांधी ने यह आंदोलन चंपारन के किसानों की दुर्दशा दूर करने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ किया था। अंग्रेजों ने चंपारन के पट्टेदार किसानों को जबरदस्ती नील की खेती करने का आदेश दिया था। यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत द्वारा नील की खेती करने के फरमान को रद्द करने में सफल साबित हुआ था।

अंग्रेजों ने क्यों बदले कृषि कानून

प्रथम विश्व युद्ध में भारी हार कारण जर्मनी द्वारा अविष्कार की गई सिंथेटिक डाई में मंदी आने से इस डाई की मांग बहुत बढ़ गई थी।डाई में मंदी के नील खेती अंग्रेजों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही थी।अंग्रेजों ने नील की खेती के लिए नए कृषि कानून बनाकर पट्टेदार किसानों को खेती करने का फरमान दिया था।

किसान आंदोलन

देश भर में किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 39 दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।हालांकि इसी बीच,किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई बार बेनतीजा बैठकें भी हुई हैं। इस आंदोलन में अब तक 40 से ज्यादा किसानों की ठंड,बीमारी,हृदयाघात और आत्महत्या के कारण जान जा चुकी है।

Exit mobile version