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Agnipath Recruitment Scheme : अपने मित्रों की आवाज के अलावा प्रधानमंत्री जी को कुछ सुनाई नहीं देता : राहुल गांधी

भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल तक सेवा करने के एलान के बाद देशभर के युवाओं में आक्रोश की लहर देखने को मिल रही है। अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला है। उन्होंने कहा- देश की जनता क्या चाहती है ? ये बात प्रधानमंत्री जी नहीं समझते।

भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल तक सेवा करने के एलान के बाद देशभर के युवाओं में आक्रोश की लहर देखने को मिल रही है। अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला है। उन्होंने कहा- देश की जनता क्या चाहती है ? ये बात प्रधानमंत्री जी नहीं समझते।

अग्निपथ भर्ती योजना

पिछले लगभग दो साल से भारतीय सेना में कोई भर्ती नहीं की गई है। जबकि युवा वर्ग सेना में भर्ती होने के लिए पिछले कई साल से तैयारियां कर रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ने घोषणा की है कि सेना में अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल तक नौकरी दी जाएगी। पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बिहार , उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में छात्र आंदोलन कर रहे हैं। कई जगहों पर तो छात्रों ने रेलगाड़ियों में आग लगा दी है। युवा वर्ग की मांग है कि उन्हें संविदा पर नहीं बल्कि नियमित तौर पर सेना में भर्ती किया जाए। इन सबके बीच राहुल गांधी ने एक के बाद के दो ट्वीट कर पीएम मोदी पर इस योजना को लेकर हमला बोला है।

राहुल गांधी का तंज

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर हमला करते हुए लिखा ,,” अग्निपथ -नौजवानों ने नाकारा। कृषि कानून – किसानों ने नाकारा। नोटबंदी – अर्थशास्त्रियों ने नाकारा। GST – व्यापारियों ने नाकारा। देश की जनता क्या चाहती है , ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते क्योंकि उन्हें अपने ‘मित्रों’ आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता। ”

इससे पहले राहुल गांधी ने एक और ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा , ना कोई रैंक, न कोई पेंशन। न दो साल से कोई डायरेक्ट भर्ती। न चार साल के बाद स्थिर भविष्य। न सरकार का सेना के प्रति सम्मान। देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए। इन्हें ‘अग्निपथ पर चलाकर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए , प्रधानमंत्री जी। “

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