Site icon 4PILLAR.NEWS

वरुण गांधी ने अग्निवीरों के लिए सभी देशभक्त सांसदों से अपनी पेंशन का त्याग करने की अपील की

Varun Gandhi ने अग्निवीरों के लिए सभी सांसदों से अपील की

Varun Gandhi: बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भारत की जनता को महान बताते हुए सभी देशभक्त सांसदों से अग्निवीरों के लिए अपनी पेंशन का त्याग करने की अपील की है।

वरुण गांधी ने ये बात ऐसे समय में कही है जब सेना में भर्ती न हो पाने के कारण युवा आत्महत्या कर रहे हैं।

Varun Gandhi ने अग्निवीरों के लिए सभी देशभक्त सांसदों से अपनी पेंशन का त्याग करने की अपील की

पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश की तीनों सेनाओं में अग्निवीरों की भर्ती करने का एलान किया था। भारतीय वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो चुकी है। थलसेना में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती करने की घोषणा पहले ही हो चुकी है।

भारत के अग्निवीर

अग्निपथ भर्ती योजना के तहत नौसेना में अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। जिसमें पहली बार महिलाओं को भी भर्ती किया जाएगा। अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर देश भर के वे युवा विरोध कर रहे हैं जो पिछले चार पांच साल से सेना में सेवा देने की तैयारी कर रहे हैं। काफी लोगों की तो सेना के नए मापदंडों के अनुसार उम्र भी ज्यादा हो चुकी है। जिसके बाद सेना में भर्ती के इच्छुक रहे युवक आत्महत्या तक कर रहे हैं।

हताश युवा वर्ग

बताते चलें , सेना में भर्ती न हो पाने से निराश होकर हरियाणा के रोहतक के सचिन नाम के युवक ने आत्महत्या कर ली थी। अब फतेहपुर  के विकाश ने आत्महत्या कर ली है। युवाओं के इस तरह निराश होकर आत्महत्या करने से आहत बीजेपी नेता वरुण गांधी ने अग्निवीरों के समर्थन में अपनी पेंशन छोड़ने की बात कही है। वरुण गांधी ने एक बाद एक दो ट्वीट किए।

वरुण गांधी की अपील

पीलीभीत से बीजेपी संसद वरुण गांधी ने अग्निवीरों के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा ,” भारत की महान जनता ने कभी स्वच्छता के लिए टैक्स दिया तो कभी जरूरतमंदों को गैस मिले इसलिए अपनी सब्सिडी छोड़ दी। इस त्यागभाव से प्रेरणा लेकर क्या हम सभी देशभक्त सांसद अपनी पेंशन का त्याग कर सरकार का बोझ कम नहीं कर सकते ? अग्निवीरों को पेंशन की राह आसान नहीं कर सकते ?’

वरुण गांधी ने अपने दूसरे ट्वीट में सचिन और विकाश द्वारा की गई आत्महत्या का जिक्र किया। उन्होंने लिखा ,” पहले रोहतक में सचिन और फतेहपुर में विकाश की आत्महत्या से देश का हर युवा व्यथित है। मैदान पर छह वर्ष के मेराथन संघर्ष के बाद महज चार वर्ष की सेवा छात्र कैसे स्वीकारेंगे ? सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में सैंकड़ों जानें गई। क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं ?”

Exit mobile version