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पूर्व अग्निवीरों के लिए खुशखबरी! अब BSF और CISF ने भर्ती के लिए खोले दरवाजे

तीनों भारतीय सेनाओं आर्मी नेवी और वायुसेना में अग्निवीर के पद पर चार साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए युवाओं के लिए खुशखबरी है। अब सेवानिवृत अग्निवीरों के लिए सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने भर्ती के लिए  दरवाजा खोल दिया है।

तीनों भारतीय सेनाओं आर्मी नेवी और वायुसेना में अग्निवीर के पद पर चार साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए युवाओं के लिए खुशखबरी है। अब सेवानिवृत अग्निवीरों के लिए सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने भर्ती के लिए  दरवाजा खोल दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि CISF और BSF में भर्ती होने वाले पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा मंत्रालय ने दोनों अर्धसैनिक बलों में भर्ती होने वाले पूर्व अग्निवीरों को उम्र में भी छूट देने का एलान किया है। पहले बीएसएफ में भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए ये घोषणा की गई थी। अब सीआईएसएफ में भी ऐसा ही मौका मिलेगा।

क्यों बदले नियम ?

बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अग्निवीर भर्ती योजना को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाया है। क्योंकि चार साल की अग्निवीर की नौकरी करने के बाद युवाओं को अपने भविष्य कि चिंता हो रही थी। माना जा रहा था कि तीनों सेनाओं में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती 75 युवाओं को इस भर्ती के नियम के अनुसार चार साल तक ही सेवा करने का मौका दिया जाता है। ऐसे में चार वर्ष बाद उन्हें फिर से नौकरी की तलाश में भटकना पड़ सकता है। यही वजह है की केंद्र सरकार ने बीएसएफ और सीआईएसएफ में 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का एलान किया है।

यह घोषणा सीमा सुरक्षा बल भर्ती नियम 2015 में संशोधन करने के बाद की गई है। जारी अधिसूचना में कहा गया कि 10 प्रतिशत रिक्तियां पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगी। इसके अलावा पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच से रिटायर होने वालों के लिए अर्धसैनिक बलों में 5 वर्ष की आयुसीमा में छूट भी दी जाएगी। पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट में पूर्ण छूट मिलेगी।

क्या है अग्निवीर योजना ?

बता दें , केंद्र सरकार ने भारतीय थलसेना , नौसेना और वायुसेना में स्थाई तौर पर भर्ती किए जाने वाले जवानों की भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तन करते हुए अग्निवीर योजना के तहत भर्ती करने का ऐलान किया था। जिसके तहत अग्निवीरों की भर्ती चार साल के लिए की जा रही है। जिनमें से 25 फीसदी को ही स्थाई किया जाएगा। बाकि 75 फीसदी को चार साल की नौकरी के बाद रिटायर कर दिया जाएगा।

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