भारत में क्रिप्टोकरंसी का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने इसे बैन करने की हिमायत की है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए उचित विकल्प है। हमने उन तर्कों की जांच की है जो इस बात की वकालत करते हैं कि क्रिप्टोकरंसी को क्यों रेगुलेट किया जाना चाहिए। जांच में पाया गया कि उनमें से कोई भी बुनियादी जांच में खरा नहीं उतर पाया है।
डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर का ब्यान
टी रबी शंकर ने कहा हमने यह भी देखा है कि क्रिप्टोकरंसी को मुद्रा परिसंपत्ति या कमोडिटी के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा औपचारिक वित्तीय प्रणाली से दूर रखने के लिए पर्याप्त कारण होने चाहिए। इसके अलावा यह वित्तीय अखंडता विशेष रूप से केवाईसी रेजिंग और एएएमएल / सीएफटी नियमों को कमजोर करते हैं और कम से कम संभावित रूप से असामाजिक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करते हैं।
हमने देखा है कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने के लिए एक दर्शन पर आधारित है। क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को बायपास करने के लिए विकसित किया गया है। सावधानी के साथ उनका इलाज करने के लिए ये पर्याप्त कारण होने चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बात
दूसरी तरफ बजट 2022 के बाद सोमवार के दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर सरकार और आरबीआई का एक ही रुख है । न सिर्फ क्रिप्टो करेंसी बल्कि तमाम दूसरे मुद्दों पर भी सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मिलकर काम कर रहे हैं। क्रिप्टोकरंसी पर जब भी कोई फैसला लिया जाएगा वह रिजर्व बैंक की सहमति के बाद ही लिया जाएगा।
वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने क्या कहा ?
वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने शनिवार के दिन कहा था कि देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरंसी मान्य नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता। भागवत ने कहा कि भारत में क्रिप्टोकरंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है।