Rupa Singh Kanwar: भारत की पहली महिला जॉकी रूपा सिंह कंवर अब तक 720 राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय रेस के साथ 7 चैंपियनशिप जीत चुकी हैं । शुरू में रूपा को कोई ट्रेनर घोड़े पर बैठाना भी पसंद नहीं करता था ।
Rupa Singh Kanwar को उन पुरुषों के खिलाफ खड़ा किया गया था जोकि शारीरिक रूप से मजबूत थे । रूपा ने इस कठिन चुनौती का सामना किया और कभी हार नहीं मानी ।
Rupa Singh Kanwar देश की पहली महिला जॉकी
रूपा ने बेटर इंडिया को बताया ,” चूँकि उस समय देश में कोई महिला जॉकी नहीं थी , इसलिए मेरे पिता ने एक अच्छा जॉकी बनने में कड़ी मेहनत की । लेकिन , उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में इतनी आगे बढ़ जाउंगी। मेरी मां उन मुश्किलों को लेकर थोड़ा चिंतित हो जाती थी । लेकिन उन्होंने कभी मेरे सामने व्यक्त नहीं किया ।”
Rupa Singh Kanwar ने बताई सक्सेस स्टोरी
सिंह ने कहा ,” मैं पुरुष जॉकी से बेहतर सवारी करना चाहती थी और उन्हें दिखाना चाहती थी कि महिलाएं भी कुछ कर सकती हैं । शुरू में मुझे यह थोड़ा मुश्किल लगा लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी । मुझे पता था कि किसी एक प्रतिभा को साबित करना है । मैं सुबह साढ़े पांच बजे से लेकर सुबह साढ़े नौ बजे तक अभ्यास करती थी । मैं उसी प्रशिक्षण से गुजरी जिससे लड़के जॉकी बनकर निकलते हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप को भूलना होगा कि आप एक महिला हो ।आप किसी पुरुष से कम नहीं हैं । तभी आप इस पेशे में जीवित रह सकते हैं ।
सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में पीएम मोदी सुब्रमण्यम स्वामी और महाराष्ट्र के गृहमंत्री का रिस्पॉन्स
महिला जॉकी रूपा सिंह ने यह भी महसूस किया कि उनको खुले मन से स्वीकार नहीं किया गया था । उनक कहना है ,” कोई भी ट्रेनर या घोडा मालिक लड़की होने के नाते उनको घोड़े पर बैठाना पसंद नहीं करता था । क्योंकि उन्हें लगता था कि हम लड़कों की तुलना में शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हैं । इसलिए शुरू-शुरू में मुझे रेस के लिए औसत घोड़े दिए गए थे । लेकिन मैंने कभी खुद को कम महसूस नहीं किया । मुझे लगभग 50 दौड़ जीतने के बाद बेहतर घोड़े मिलना शुरू हुए थे ।”